Ranchi : झारखंड आंदोलन के प्रणेता और झारखंडी अस्मिता के गौरव स्व. बिनोद बिहारी महतो की 102वीं जयंती आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय, हरमू में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर 102 दीप प्रज्वलित कर उनके अमर योगदान को नमन किया गया। साथ ही, उनके सुपुत्र एवं झारखंड अस्मिता के प्रहरी स्व. राजकिशोर महतो की जयंती पर भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने कहा कि बिनोद बिहारी महतो ने मजदूर, विस्थापित और वंचित समुदाय को संगठित कर “पढ़ो और लड़ो” जैसे क्रांतिकारी नारे के साथ झारखंड आंदोलन को नई दिशा दी। उन्होंने वर्तमान सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि विस्थापन, बेरोजगारी और आदिवासी अधिकारों पर मौन सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
केंद्रीय प्रवक्ता डॉ. देव शरण भगत ने कहा कि बिनोद बिहारी महतो का संदेश आज भी युवाओं के लिए शिक्षा और जागरूकता का सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत है। केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी ने युवाओं से अपील की कि वे उनके विचारों से प्रेरणा लेकर झारखंड को न्याय, समानता और विकास की दिशा में आगे बढ़ाएँ।
सुदेश महतो ने कोटशिला रेल टेका आंदोलन में बंगाल पुलिस की बर्बरता की निंदा की और कहा कि पीड़ितों से मिलने पर रोक लगाना लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है। उन्होंने बेरोजगारी की समस्या पर भी चिंता जताते हुए कहा कि सरकार ने रोजगार देने का वादा पूरा नहीं किया।
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