Ranchi : राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में होने वाली PhD प्रवेश परीक्षा (PhD Entrance Test) पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब पीएचडी में नामांकन केवल UGC की गाइडलाइन के तहत ही किया जाएगा।
राजभवन में हाल ही में हुई कुलपतियों की बैठक में राज्यपाल ने इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर दिए। इस फैसले से PhD प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और एकरूपता लाई जा सकेगी।
अब केवल NET और JET से मिलेगा प्रवेश
अब PhD में प्रवेश के लिए यूजीसी-नेट (UGC-NET) और झारखंड पात्रता परीक्षा (JET) ही मान्य होंगे। नेट परीक्षा के तहत छात्र JRF, असिस्टेंट प्रोफेसर या पीएचडी विकल्प चुन सकते हैं।
झारखंड सरकार देगी स्कॉलरशिप
झारखंड सरकार PhD करने वाले 1000 स्थानीय मेधावी छात्रों को हर महीने ₹25,000 की छात्रवृत्ति देगी। JET पास छात्रों को ₹22,500 प्रतिमाह मिलेंगे। इसके अलावा, विदेश में रिसर्च पेपर प्रजेंट करने पर ₹2 लाख और देश के अन्य राज्यों में प्रजेंटेशन पर अधिकतम ₹50,000 की आर्थिक सहायता मिलेगी।
रांची विश्वविद्यालय की आवेदन प्रक्रिया पर असर
रांची विश्वविद्यालय ने पहले ही PhD सत्र 2024-25 के लिए 22 विषयों में 463 रिक्त सीटों पर आवेदन आमंत्रित किए थे। अब तक 2374 आवेदन आ चुके हैं और प्रत्येक से ₹2000 आवेदन शुल्क भी लिया गया है।
कुछ प्रमुख विषयों में सीटें इस प्रकार हैं:
- हिंदी – 52
- मनोविज्ञान – 51
- वनस्पति विज्ञान – 44
- इतिहास – 37
- अर्थशास्त्र – 33
- संस्कृत – 32
- अंग्रेजी – 28
- वाणिज्य – 28
- राजनीतिक शास्त्र – 24
- मानवशास्त्र – 17
(अन्य विषयों में भी सीटें उपलब्ध हैं।)
TRL विषय में फिलहाल कोई सीट नहीं है। अब देखना होगा कि नए निर्देशों के बाद रांची विश्वविद्यालय और अन्य संस्थान आवेदन करने वाले छात्रों को कैसे राहत देते हैं।
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