Jamshedpur: जमशेदपुर के भुइयांडीह में सोमवार को हूल दिवस बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। 1855 के संथाल विद्रोह की 170वीं वर्षगांठ पर सिदो-कान्हू चौक पर आयोजित समारोह में राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और वीर सपूतों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर भाजपा की जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू, कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी और जदयू एसटी मोर्चा के कई नेता उपस्थित रहे।
विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए आदिवासी समाज के इन नायकों ने जो मशाल जलाई, वह आज भी अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देती है। कांग्रेस नेता आनंद बिहारी दुबे ने युवाओं से अपील की कि वे सिदो-कान्हू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को पढ़ें और समझें, ताकि आज़ादी की असली नींव को पहचाना जा सके।
पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने भी माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि हूल विद्रोह ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। उन्होंने फूलो-झानो, चांद-भैरव जैसे अन्य वीरों के योगदान को भी याद किया।
जनता दल (यूनाइटेड) एसटी मोर्चा ने बिरसानगर चौक पर सिदो-कान्हू स्मारक स्थल पर आयोजन किया, जिसमें विधायक सरयू राय ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम में प्रकाश कोया, कुलविंदर सिंह पन्नू, सुलोचना मुंडा और राहुल सिन्हा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने हूल क्रांति के नायकों को याद करते हुए उनके सपनों के भारत के निर्माण का संकल्प लिया।
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