Hazaribagh : हजारीबाग में आज 30 जून को हूल दिवस की 170वीं वर्षगांठ हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर DC शशि प्रकाश सिंह और SP अंजनी अंजन ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम में जिले के वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के सदस्य और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
हूल विद्रोह का ऐतिहासिक महत्व
उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि 30 जून 1855 को सिदो-कान्हू ने अंग्रेजों के खिलाफ हूल विद्रोह की शुरुआत की थी। यह आंदोलन केवल विरोध नहीं था, बल्कि स्वतंत्रता की अलख जगाने वाला ऐतिहासिक संघर्ष था। उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का स्वर्णिम अध्याय है, जो आज भी अन्याय के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देता है।
सामाजिक एकता और आदर्शों का संदेश
उपायुक्त ने कहा कि हूल दिवस हमें सामाजिक एकता, समरसता और आत्मसम्मान के महत्व को समझने की सीख देता है। यह दिन चांद-भैरव, फूलो-झानो जैसे वीर सेनानियों के आदर्शों को अपनाने का अवसर भी है।
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