अनुसंधान और प्रकाशन में लेटेक्स और नैतिक प्रथाओं का उपयोग पर पांच दिवसीय कार्यशाला शुरू, देश के कई विवि से प्रतिभागी ले रहे हैं हिस्सा

रांचीः अनुसंधान और प्रकाशन में लेटेक्स और नैतिक प्रथाओं का उपयोग करके तकनीकी दस्तावेज़ लेखन” शीर्षक से पांच दिवसीय कार्यशाला सोमवार को बीआईटी मेसरा में शुरू हुई. कार्यशाला डीएसटी, भारत सरकार से बीआईटी मेसरा द्वारा प्राप्त पर्स अनुदान के तहत आयोजित की जा रही है. कार्यशाला का उद्घाटन बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना ने किया.

इस अवसर पर बीआईटी मेसरा के रजिस्ट्रार प्रो. संदीप दत्ता, सीएसई बीआईटी मेसरा के एचओडी प्रो. एस. विश्वास, बीआईटी मेसरा के रिमोट सेंसिंग विभाग के एचओडी प्रो. वी.एस. राठौड़ भी उपस्थित थे. कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. अभिजीत मुस्तफी ने कार्यशाला के विषय का परिचय दिया.

 

कार्यशाला का संचालन करने वाले प्रमुख संसाधन व्यक्तियों यानी प्रोफेसर डी. दत्ता, प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, तेजपुर विश्वविद्यालय और डॉ. एस. सुबुद्धि ने परिचय दिया. एमएससीबीडी विश्वविद्यालय, ओड़िशा से 50 से अधिक प्रतिभागियों ने कार्यशाला के लिए पंजीकरण कराया है जो विशेष रूप से हैंड्स ऑन मोड में आयोजित की जाएगी. कार्यशाला के एक भाग के रूप में प्रतिभागियों को लेटेक्स और संबंधित गतिविधियों में टाइप सेटिंग तकनीकी दस्तावेजों की मूलभूत अवधारणाओं से अवगत कराया जाएगा. कुल प्रयोगशाला सत्र होंगे.

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