Ranchi : रांची में दुर्गा पूजा की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं और शहर में एक से बढ़कर एक भव्य और रचनात्मक पंडाल लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस बार अरगोड़ा का दुर्गा पूजा पंडाल खासा चर्चा में है, जहां “किताब” को थीम बनाकर एक अनोखा और ज्ञानवर्धक माहौल तैयार किया जा रहा है।
किताबों से सजा पंडाल, दिखेगा प्राचीन शिक्षा का दृश्य
अरगोड़ा की श्री दुर्गा पूजा रावण दहन समिति इस साल अपनी पूजा पंडाल को रामायण और महाभारत के युग से जोड़ते हुए गुरुकुल शिक्षा पद्धति को केंद्र में ला रही है। इस पंडाल की खासियत यह है कि इसे 21,000 काल्पनिक किताबों से सजाया जा रहा है। पंडाल की संकल्पना यह दर्शाती है कि किस तरह प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों ने शिक्षा, चरित्र निर्माण और चेतना के विकास को समाज में प्रमुख स्थान दिया था।
समिति अध्यक्ष पंकज कुमार साहु के अनुसार, इस पंडाल का उद्देश्य न केवल भक्ति भावना को प्रकट करना है, बल्कि समाज को शिक्षित करने वाली भारतीय परंपरा की झलक भी दिखाना है।
गुरुकुल, साधु और हिरण होंगे पंडाल के मुख्य दृश्य
इस विशिष्ट पंडाल को कोलकाता के कलाकार चंदन जैना और उनकी टीम द्वारा बनाया जा रहा है, जो पिछले तीन महीनों से लगातार काम में जुटे हैं। अभी तक निर्माण कार्य का लगभग 40% हिस्सा पूरा हो चुका है।
पंडाल का सबसे खास दृश्य होगा
- गुरुकुल में बैठे साधु, जो एक पेड़ के नीचे किताब लिए ध्यानमग्न मुद्रा में दिखाई देंगे।
- उनके चारों ओर चार हिरणों का झुंड होगा, जो दृश्य को जीवन्त बनाएगा।
- पूरे आयोजन पर लगभग 25 लाख रुपये की लागत आ रही है।
- 15 फीट ऊंची माँ दुर्गा की प्रतिमा रांची के प्रसिद्ध मूर्तिकार जगदीश पाल द्वारा तैयार की जा रही है।