Giridih : झारखंड के गिरिडीह जिले से एक भावनात्मक खबर सामने आई है। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के रहने वाले दुर्गा चरण इस साल कुंभ मेले में अपने परिजनों से बिछड़ गए थे। परिवार से अलग होने के बाद वे गिरिडीह के सरिया प्रखंड के कपिलो गांव तक पहुंच गए और यहीं रहने लगे।
दुर्गा चरण केवल ओड़िया भाषा बोलते थे और उन्हें न तो घर का पता याद था, न ही परिवार का मोबाइल नंबर। उन्हें अपने परिवार की याद लगातार सताती थी। ऐसे में गांव के लोगों ने उनकी मदद का फैसला किया।
गांव के शिक्षक अजय कुमार महतो ने इस दिशा में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने दुर्गा चरण की तस्वीर और जानकारी को अंग्रेजी, हिंदी और ओड़िया तीन भाषाओं में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। पोस्ट के कुछ घंटे बाद ही ओडिशा से संपर्क आने लगे, और आखिरकार दुर्गा चरण के परिजन मिल गए।

करीब 9 महीने बाद जब दुर्गा चरण अपने परिवार से मिले, तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने अपनी पत्नी, बेटे और भाई को गले से लगाकर रोते हुए स्वागत किया।
गांव की यमुना भुइंया ने दुर्गा चरण को अपने घर में शरण दी थी, जहां वे मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे थे। लेकिन सोशल मीडिया और ग्रामीणों की मदद से आखिरकार वे अपने घर और परिवार तक लौट सके।
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