JoharLive : 12 मई को ब्राहम्णीय हिंदुत्व फासीवादी भाजपा और आरएसएस द्वारा दोरनापाल में “नक्सल मुक्त बस्तर रैली” का आयोजन किया जा रहा है। इस रैली का उद्देश्य नक्सलवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाना बताया जा रहा है, लेकिन इसे कुछ लोग बिचौलियों और पूंजीपतियों के हित में आयोजित एक कार्यक्रम मानते हैं। भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (माओवादी) की कोंटा एरिया कमेटी ने इस रैली का कड़ा विरोध किया है। पार्टी का कहना है कि यह रैली असली जल, जंगल, जमीन और खनिज संपत्तियों के अधिकारों को बचाने के लिए चल रहे जनांदोलन को गुमराह करने की कोशिश है।
पार्टी ने आम जनता से अपील की है कि वे इस रैली में न जाएं और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करें। उनका कहना है कि नक्सलवाद और माओवाद का समाधान केवल भाषणबाजी से नहीं होगा, बल्कि देश में हो रहे शोषण, उत्पीड़न, बेरोजगारी और भूखमरी जैसी मूलभूत समस्याओं को खत्म करने से ही होगा। पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वे क्रांतिकारी जनांदोलन को दबाने के लिए दमनकारी नीतियों का सहारा ले रही हैं। उन्होंने सभी लोगों से एकजुट होकर वर्ग संघर्ष में शामिल होने की अपील की है।
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