Ranchi : CM हेमंत सोरेन ने अपने पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन को एक भावुक पोस्ट के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि उनके पिता न केवल उनके मार्गदर्शक थे, बल्कि झारखंड की आत्मा और लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत थे।
मैं अपने जीवन के सबसे कठिन दिनों से गुज़र रहा हूँ।
मेरे सिर से सिर्फ पिता का साया नहीं गया,
झारखंड की आत्मा का स्तंभ चला गया।मैं उन्हें सिर्फ ‘बाबा’ नहीं कहता था
वे मेरे पथप्रदर्शक थे, मेरे विचारों की जड़ें थे,
और उस जंगल जैसी छाया थे
जिसने हजारों-लाखों झारखंडियों को
धूप और…— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 5, 2025
हेमंत सोरेन ने अपने संदेश में लिखा, “मैं अपने जीवन के सबसे कठिन दिनों से गुज़र रहा हूं। मेरे सिर से सिर्फ़ पिता का साया नहीं गया, झारखंड की आत्मा का स्तंभ चला गया।” उन्होंने शिबू सोरेन को ‘दिशोम गुरु’ के रूप में याद करते हुए कहा कि यह उपाधि जनता के दिलों से निकली थी, न कि किसी किताब या संसद से।
मुख्यमंत्री ने अपने पिता के संघर्षमय जीवन को याद करते हुए बताया कि शिबू सोरेन का जन्म नेमरा गांव के एक साधारण परिवार में हुआ था, जहाँ गरीबी और भूख थी, लेकिन हिम्मत की कोई कमी नहीं थी। बचपन में अपने पिता को खोने और जमींदारी के शोषण का सामना करने के बाद, शिबू सोरेन ने अन्याय के खिलाफ लड़ाई को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया। हेमंत ने कहा, “मैंने उन्हें हल चलाते, लोगों के बीच बैठते और उनका दुख जीते देखा।”
शिबू सोरेन को याद करते हुए हेमंत ने उनके संघर्ष और झारखंड राज्य के निर्माण में उनके योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने लिखा, “जब झारखंड राज्य बना, तो उनका सपना साकार हुआ, लेकिन उन्होंने कभी सत्ता को उपलब्धि नहीं माना। उनके लिए यह राज्य लोगों की पहचान थी।” अपने संदेश में हेमंत ने यह भी वादा किया कि वे अपने पिता के सपनों को पूरा करेंगे और झारखंड को कभी झुकने नहीं देंगे। उन्होंने लिखा, “आपने जो सपना देखा, अब वो मेरा वादा है। मैं झारखंड को झुकने नहीं दूंगा, आपके नाम को मिटने नहीं दूंगा।”
इस पोस्ट के अंत में हेमंत ने अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “बाबा, अब आप आराम कीजिए। आपने अपना धर्म निभा दिया। अब हमें आपके नक्शे-कदम पर चलना है।” उन्होंने नारा दिया, “वीर शिबू जिंदाबाद, दिशोम गुरु अमर रहें, जय झारखंड!” यह भावुक संदेश झारखंड की जनता के बीच गहरी संवेदना और शिबू सोरेन के प्रति सम्मान को दर्शाता है, जिन्हें झारखंड आंदोलन का नायक और लाखों लोगों का प्रेरणास्रोत माना जाता है।