Ranchi : सहारा समूह की अचल संपत्तियों को फर्जी कंपनियों और व्यक्तियों के माध्यम से बेहद कम दाम पर बेचने के मामले में अब CID ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में सहारा इंडिया के कई निदेशकों सहित अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
CID की FIR में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर 2013 को आदेश दिया था कि सहारा की कंपनियां कोई संपत्ति नहीं बेचेंगी। बावजूद इसके, सहारा समूह के निदेशकों ने यह संपत्तियां औने-पौने दाम पर बेच दीं और इनसे मिली रकम को सेबी के खाते में नहीं जमा किया।
यह संपत्तियां झारखंड के बोकारो, धनबाद और बिहार के पटना व बेगूसराय में स्थित थीं। बोकारो की 68.14 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत 61.33 करोड़ आंकी गई थी, वह काफी कम दाम में बेची गई। इसी तरह पटना की 65.28 एकड़ जमीन जिसकी वैल्यूएशन 44.80 करोड़ थी, उसे महज 2.52 करोड़ में बेच दिया गया। बेगूसराय में भी करोड़ों की जमीनें 2 से 3 करोड़ में बेची गईं।
धनबाद के गोविंदपुर में सहारा की जमीन पर एक निजी अस्पताल का निर्माण हो रहा है। सीआईडी ने वहां के अंचल अधिकारी और थाना प्रभारी को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है। FIR में स्वप्ना रॉय, जयब्रतो रॉय, सुशांतो रॉय, सीमांतो रॉय समेत कई अन्य निदेशकों के नाम शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि यह सब एक साजिश के तहत किया गया और इससे निवेशकों, अदालत और सरकारी एजेंसियों को नुकसान पहुंचा।
झारखंड में करीब 30 हजार निवेशकों ने अब तक 400 करोड़ रुपये का क्लेम किया है, जबकि लगभग 3600 करोड़ का क्लेम अब भी लंबित है। सीआईडी ने जांच के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी रैंक के अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।
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