Johar Live Desk : हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है, जो आज आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी देवशयनी एकादशी से शुरू हो रहा है। यह पवित्र अवधि कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी देवउठनी एकादशी तक चलेगी। मान्यता है कि इस दौरान भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और इस समय शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते। हालांकि, यह समय आध्यात्मिक साधना, पूजा-पाठ और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
चातुर्मास के दौरान नकारात्मक ऊर्जा से बचने और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए रात के समय कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में :
- तुलसी के पास दीपक जलाएं : हर रात सोने से पहले घर के मंदिर या तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जलाएं। तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, और दीपक की रोशनी नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर घर में सुख-शांति लाती है।
- ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप : चातुर्मास में भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। इसलिए, रात को सोने से पहले कम से कम 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। यह मंत्र नकारात्मकता को दूर करता है और मन को शांति प्रदान करता है।
- हनुमान चालीसा का पाठ : रात में सोने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायी है। संकटमोचन हनुमान जी की पूजा से भय और बुरी शक्तियों का नाश होता है।
- सेंधा नमक से पोंछा : सप्ताह में एक या दो बार रात के समय पानी में सेंधा नमक मिलाकर घर में पोंछा लगाएं। यह उपाय घर से नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर वातावरण को पवित्र बनाता है।
- कपूर जलाएं : सोने से पहले अपने कमरे में थोड़ा सा कपूर जलाएं। कपूर की सुगंध सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और बुरी शक्तियों को दूर भगाती है।
- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ : अगर संभव हो, तो रात में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें या सुनें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
चातुर्मास के दौरान ये उपाय न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और शांति भी लाते हैं।
Disclaimer : इस लेख में बताए गए उपाय, लाभ, सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत किए गए हैं। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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