Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    15 Jun, 2025 ♦ 7:45 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»झारखंड»झारखंड विधानसभा में CAG की रिपोर्ट हुई पेश, कई खामियां आई सामने
    झारखंड

    झारखंड विधानसभा में CAG की रिपोर्ट हुई पेश, कई खामियां आई सामने

    Sandhya KumariBy Sandhya KumariFebruary 28, 2025Updated:February 28, 2025No Comments6 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    CAG
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Ranchi :  परीक्षक की रिपोर्ट में उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने पर विभागों में अनियमितता की आशंका जाहिर की है। वित्तिय लेखे पर टिप्पणी में लिखा गया है कि वर्ष 2023-24 के दौरान विभागों द्वारा सहायक अनुदान के तौर पर दी गई 19125.88 करोड़ की राशि के विरुद्ध 5209 उपयोगिता प्रमाण पत्र राज्य सरकार के निकायों व प्राधिकारों के द्वारा जमा नहीं कराए गए।

    CAG की रिपोर्ट में आपत्ति दर्ज करायी गई है कि इस राशि का व्यय किस प्रयोजन में किया गया, इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके अलावा रिपोर्ट में जिक्र है कि 42158 उपयोगिता प्रमाण पत्रों से संबंधित 114035.62 करोड़ की राशि जारी हुई थी, इसके उपयोगिता प्रमाण पत्र भी 31 मार्च 2024 तक बकाए थे। रिपोर्ट में जिक्र है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र का अधिक संख्या में लंबित रहना निधि के गलत उपयोग व अनियमितता की आशंका को बढ़ाता है।

    आकस्मिक विपत्र निकासी में भी गड़बड़ी के संकेत

    CAG ने टिप्पणी की है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य के आठ विभागों ने 30 संक्षिप्त आकस्मिक विपत्रों के विरुद्ध सरकारी खातों से 26.22 करोड़ की निकासी की। रिपोर्ट में जिक्र है कि सिर्फ मार्च 2024 में ही नौ संक्षिप्त आकस्मिक विपत्र से 13.32 करोड़ की निकासी की गई। निकाली गई राशि में 21.54 करोड़ राशि से जुड़े 25 आकस्मिक विपत्र वित्तिय वर्ष के अंत तक नहीं सौंपे गए थे। रिपोर्ट के अनुसार 18011 संक्षिप्त आकस्मिक विपत्र जमा नहीं किए गए, जिसके जरिए कुल 4891.72 करोड़ की राशि की निकासी हुई।

    4536.39 करोड़ का गलत बजटीय प्रावधान रिपोर्ट में जिक्र है कि वर्ष 2023-24 के दौरान झारखंड सरकार के द्वारा राजस्व अनुभाग के स्थान पर पूंजीगत अनुभाग के अंतर्गत 4536.39 करोड़ का गलत बजटीय प्रावधान किया गया एवं व्यय दर्ज किया गया। इसे व्यय के उदेश्य से अवधारित किया गया। राजस्व, पूंजीगत व्यय को 4536.39 करोड़ से कम/अधिक बताया गया। इस राशि में से 4433.60 करोड़ पूंजी परिसंपत्ति के सृजन के लिए अनुदान, 36.27 करोड़ छात्रवृत्ति, नकद राहत, 50 करोड़ सहायता अनुदान तथा 16.52 करोड़ रखरखाव व मरम्मति से संबंधित हैं।

    दवाओं और उपकरणों की खरीद पर महज इतने ही हुए खर्च

    CAG ने पाया है कि उपलब्ध धनराशि 1395.67 करोड़ के विरुद्ध जेएमएचआईडीपीसीएल ने दवाओं और उपकरणों की खरीद पर 2016-22 के दौरान केवल 279.39 करोड़ का उपयोग किया यानी दवा व उपकरण की खरीद पर उपलब्ध राशि का महज 20 प्रतिशत ही खर्च हुआ। शेष राशि या तो वापस कर दी गई या लेजर खातों में पड़ी रही।

    खाली रहे डॉक्टरों के 61 फीसदी पद

    CAG ने पाया कि है मार्च 2022 तक राज्य में चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञों के 3,634 स्वीकृत पदों के मुकाबले 2,210 पद खाली थे, जो कुल पदों का लगभग 61 प्रतिशत है। दवा-उपकरण की खरीद पर महज 20 ही खर्च हुआ। इसके अलावा, स्टाफ नर्सों के स्वीकृत पदों 5,872 के मुकाबले 3,033 पद और पैरामेडिक्स के स्वीकृत पदों 1,080 के मुकाबले 864 पद खाली थे। जिलों को सैंपलिंग की प्राथमिक इकाई माना गया और 24 जिलों में से छह जिलों धनबाद, दुमका, गुमला, गढ़वा, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा को विस्तृत जांच के लिए चुना गया।

    अस्पतालों में स्टाफ की कमी

    छह में से दो मेडिकल कॉलेज, दो आयुष शैक्षणिक संस्थान, 23 जिला अस्पतालों में से पांच, 188 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 14, 330 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 13, 1,755 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में से 25, 11 निजी अस्पताल और छह जिला संयुक्त आयुष औषधालयों को प्रदर्शन ऑडिट के लिए चुना गया। ऑडिट जांच में जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारियों, विशेषज्ञों, स्टाफ नर्सों और पैरामेडिक्स की कमी सामने आई। चिकित्सा विशेषज्ञों, स्टाफ नर्सों व पारामेडिक्स की कमी क्रमश: 21 से 80 प्रतिशत, 14 से 76 प्रतिशत व 50 से 100 प्रतिशत रही। जिन जिलों के अस्पतालों को सैंपल के तौर पर चुना गया, वहां पाया गया कि कहीं भी ओपीडी की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। वहीं जिला, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अंत: रोगी सेवा विशेषकर ईएनटी, मनोचिकित्सा, हड्डी रोग, सीएचसी में शिशु रोग, समान्य सर्जरी और पीएचसी में समान्य मेडिसीन आईपीडी सेवा भी उपलब्ध नहीं थी। CAG रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भारी कमी का भी पता चला है।

    मेडिकल कॉलेज में भी 45 फीसदी पद खाली

    छह मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के स्वीकृत 641 पदों के मुकाबले जुलाई 2022 तक 286 पद (45 प्रतिशत) खाली थे। रिपोर्ट में राज्य सरकार को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में चिकित्सा अधिकारियों, विशेषज्ञों, स्टाफ नर्सों और पैरामेडिक्स की कमी को दूर करने और एमसीआई कार्य समूहों की सभी सिफारिशों को लागू करने का सुझाव दिया गया है, ताकि शिक्षण कर्मचारियों की कमी को कम किया जा सके। जांच में आउट और इन-पेशेंट सेवाओं, डायग्नोस्टिक, प्रसूति, मोबाइल मेडिकल और अन्य संबंधित सेवाओं की डिलीवरी में अंतराल भी पाया गया। रिपोर्ट में 2020-21 और 2021-22 के दौरान नमूना जांचे गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में 65 प्रतिशत से 95 प्रतिशत तक आवश्यक दवाओं की कमी का भी पता चला।

    मोबिलिटी सेवाओं की स्थिति कैग ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि मार्च 2022 तक उपलब्ध 22 मोबाइल मेडिकल इकाई में से केवल 11 ही सक्रिय थे। एएनसी और शिशु टीकाकरण प्रदान करने के लिए एमएमयू में महिला चिकित्सक और रेडियोग्राफर उपलब्ध नहीं थे। एमएमयू में 19 से 33 प्रतिशत आवश्यक सामग्री कम थे।

    दवा और उपकरणों की खरीद की स्थिति भी ठीक नहीं

    CAG ने पाया है कि उपलब्ध धनराशि 1395.67 करोड़ के विरुद्ध जेएमएचआईडीपीसीएल ने दवाओं और उपकरणों की खरीद पर 2016-22 के दौरान केवल 279.39 करोड़ का उपयोग किया यानी दवा व उपकरण की खरीद पर उपलब्ध राशि का महज 20 प्रतिशत ही खर्च हुआ। शेष राशि या तो वापस कर दी गई या लेजर खातों में पड़ी रही। सरकार की एजेंसी ने 77 से 88 प्रतिशत तक दवाएं नहीं खरीदीं। जिस कारण सैंपल जांच केंद्रों में दवा की कमी 66-94 प्रतिशत तक रही। यहां तक की ओटी में भी उपकरणों की कमी 48-67 प्रतिशत तक रही।

    Also Read : बिहार के 17वें विधानसभा का अंतिम बजट सत्र शुरू, गवर्नर बोले… देखें क्या

    2023-24 Auditor General CAG report CAG रिपोर्ट Comptroller and Auditor General Report Economic Report Financial Accounts Financial Audit financial irregularities Government Authority Government Bodies grant India irregularities Jharkhand Assembly state government utilization certificate अनियमितता अनुदान आर्थिक रिपोर्ट उपयोगिता प्रमाण पत्र कैग रिपोर्ट झारखंड विधानसभा भारत महालेखा परीक्षक राज्य सरकार वित्तीय अनियमितता वित्तीय जांच वित्तीय लेखा सरकारी निकाय सरकारी प्राधिकार
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleबिहार के 17वें विधानसभा का अंतिम बजट सत्र शुरू, गवर्नर बोले… देखें क्या
    Next Article झारखंड पुलिस एसोसिएशन का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से जारी, शाम 5 बजे तक दे सकेंगे वोट

    Related Posts

    झारखंड

    भ्रष्टाचार से लड़ते-लड़ते हार गए सुखलाल महतो : विधायक जयराम महतो

    June 15, 2025
    झारखंड

    पुलिस पर वार करने वालों की निकली गयी हेकड़ी

    June 15, 2025
    ट्रेंडिंग

    काशी कॉरिडोर के रेड जोन में नजर आए तेजप्रताप यादव, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

    June 15, 2025
    Latest Posts

    भ्रष्टाचार से लड़ते-लड़ते हार गए सुखलाल महतो : विधायक जयराम महतो

    June 15, 2025

    पूर्व CM विजय रूपाणी का DNA सैंपल हुआ मैच, कल राजकोट में होगा अंतिम संस्कार

    June 15, 2025

    पुलिस पर वार करने वालों की निकली गयी हेकड़ी

    June 15, 2025

    जब तक समाज लोकतंत्र में पूरी भागीदारी नहीं करेगा, उनके अधिकार अधूरे रहेंगे : केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी

    June 15, 2025

    काशी कॉरिडोर के रेड जोन में नजर आए तेजप्रताप यादव, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

    June 15, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.