Johar Live Desk : बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भारत की संस्कृति और धर्म में बहुत खास महत्व रखता है। यह दिन भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति (निर्वाण) और पहले उपदेश के रूप में मनाया जाता है। भगवान बुद्ध ने संसार को दुखों से मुक्ति का मार्ग दिखाया। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई 2025, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा पर बन रहे शुभ योग
रवि योग: 12 मई को सुबह 05:32 से 06:17 तक रहेगा। इस समय पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
भद्रावास योग: सुबह 05:00 से 09:14 तक रहेगा। इसमें व्रत, पूजा और शुभ कार्य करने से लाभ होता है।
वरीयान योग: 12 मई सुबह 05:00 बजे से 13 मई सुबह 05:52 तक रहेगा। इसमें साधना और पूजा से उत्तम फल मिलते हैं।
चन्द्रोदय और चन्द्रास्त समय
चन्द्रोदय: सायं 06:57 बजे
चन्द्रास्त: 13 मई को प्रातः 05:31 बजे
पीपल के पेड़ की पूजा विधि
प्रातः स्नान कर शुद्ध मन से पूजा की तैयारी करें।
किसी पवित्र स्थान या मंदिर में पीपल का पेड़ चुनें।
पीपल की जड़ में जल चढ़ाएं और दीपक, अगरबत्ती जलाएं।
पीले या सफेद फूल चढ़ाएं और “ॐ मणि पद्मे हूँ” मंत्र का जाप करें।
दूध, घी, शहद और पानी का मिश्रण चढ़ाएं।
चंद्रमा को अर्घ्य दें और व्रतधारी महिलाएं चंद्र दर्शन के बाद व्रत पारण करें।
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