Bokaro (Manoj Sharma) : देश के लोकतांत्रिक इतिहास में इमरजेंसी 25 जून 1975 सबसे काले दिनों में से एक है। जिसमें देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान की हत्या कर जनता पर जुल्म ढाया था। देश में लगा आपातकाल जिसके गुजरे कई वर्ष हो चुके हैं उसकी खौफ और गूंज आज भी सुनाई देती है। यह कहना झारखंड के पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नीलकंठ सिंह मुंडा और पूर्व गोड्डा के विधायक अमित मंडल का। भाजपा के दोनों नेताओं सहित बोकारो जिला अध्यक्ष एवं कई बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बोकारो में इमरजेंसी के उन भयावह दिनों को याद किया और काला दिवस मनाया।
गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल की माने तो राहुल गांधी हाथ में संविधान लेकर चल रहे हैं। वे जनता को गुमराह कर रहे हैं और कह रहे है कि संविधान खतरे में है भाजपा संविधान की हत्या कर रही है। उनकी माने तो इमरजेंसी के रूप में इंदिरा गांधी ने जो किया था, वह संविधान की हत्या नहीं थी। यह भी मानते हैं कि संविधान को दूसरे से खतरा नहीं है… खतरा है तो सिर्फ कांग्रेस पार्टी और गठबंधन की पार्टी से है, जो लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहती है। झारखंड में आज इमरजेंसी जैसा ही हाल है क्या आज झारखंड में संविधान खतरे में नहीं है।
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व के रघुवर सरकार में मंत्री रहे नीलकंठ सिंह मुंडा कहा कि इंदिरा गांधी के समय इमरजेंसी लगाने को आज भाजपा काला अध्याय के रूप में माना रही है। इमरजेंसी में प्रेस की आजादी हो या और सारा चीज उस आजादी को छीन लिया गया था। नीलकंठ सिंह मुंडा यह मानते हैं कि इमरजेंसी के दौरान जिस तरह संविधान की हत्या इंदिरा गांधी ने किया था आज राहुल गांधी संविधान लेकर घूम कर संविधान बचाओ का नारा दे रहे हैं और सबसे बड़े हितैषी बने हुए हैं। नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से ही संविधान से खतरा है। इंदिरा गांधी हो या राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी परिवारवाद में ही सिमट कर रह गई है।
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