रांची नगर निगम ने जन्म और मृत्यु निबंधन की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाने के लिए नई पहल की है। निगम का लक्ष्य है कि हर नागरिक को प्रमाणपत्र समय पर और बिना किसी परेशानी के मिले।
बीते महीनों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ने से नागरिकों को दिक्कत हो रही थी। इस पर प्रशासक सुशांत गौरव ने एक नई विशेषज्ञ टीम बनाई, जिसके बाद स्थिति में तेजी से सुधार आया है।
सितंबर 2025 में जन्म निबंधन के 2486 और मृत्यु निबंधन के 1408 मामले लंबित थे। अब 12 नवंबर तक जन्म निबंधन में केवल 550 और मृत्यु निबंधन में करीब 490 मामले ही बाकी हैं। इनमें से अधिकांश आवेदन दस्तावेज़ सुधार या पुष्टि के लिए अस्पतालों को लौटाए गए हैं।

नगर निगम ने सभी अस्पतालों और क्लीनिकों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी जन्म और मृत्यु की घटनाएं समय पर पोर्टल पर दर्ज करें और दस्तावेज़ सही तरीके से अपलोड करें, ताकि प्रक्रिया में देरी न हो।
सबसे बड़ी सुविधा यह है कि यदि नागरिक जन्म या मृत्यु का पंजीकरण अस्पताल से 21 दिनों के भीतर करा देते हैं, तो उन्हें निगम कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होती। प्रमाणपत्र सीधे उनके ईमेल पर भेज दिया जाता है।
प्रशासक सुशांत गौरव ने कहा, “हमारा उद्देश्य सभी पुराने मामलों को जल्द निपटाना और नागरिकों को समय पर सेवा देना है। राइट टू सर्विस एक्ट के तहत तय समय में सेवा देना हमारी जिम्मेदारी है।”
नगर निगम ने नागरिकों से अपील की है कि जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीकरण 21 दिनों के भीतर अवश्य कराएं, सही दस्तावेज़ लगाएं और किसी भी बिचौलिए से बचें।
रांची नगर निगम का प्रयास है कि जन्म–मृत्यु निबंधन जैसी महत्वपूर्ण सेवा हर नागरिक तक तेज़, पारदर्शी और बिना झंझट पहुंचे।

