Joharlive Desk
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही मामले में जांच शुरू कर दी गई है। मुशहरी पीएचसी के लेखपाल के द्वारा किए गए घोटाला की जांच के दौरान, अब पीएचसी प्रभारी खामोश हो गए हैं। पीएचसी प्रभारी के पास इस लापरवाही के लिए कोई शब्द नहीं है. वह जांच की बात कहकर पल्ला झार रहे हैं।
दरअसल, बुजुर्ग महिला (60) के नाम पर घोटालेबाजों ने 18 महीने में 8 बार बच्चे पैदा करा दिया. जिससे कि,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के तहत राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना का पैसा गबन कर सकें।
मातृत्व लाभ के मिले रुपए को बैंक के सीएचसी के माध्यम से निकासी की गई।
जानकारी के अनुसार, जिस महिला के खाते में रुपए गया, उस महिला को इस राशि की जानकारी तक नहीं है और बगैर महिला खाताधारी के जानकारी के निकासी भी कर लिया गया। महिला बताती है कि, गांव के ही शंकर नामक युवक ने फोटो खींचा है और उनका पति 10 वर्ष से बीमार है।
वहीं, मामले की जानकारी जिला प्रशासन तक पहुंची तो, जांच टीम का गठन किया गया। जांच टीम में डीपीएम और एडीएम को रखा गया है। लेकिन इन सबके बीच, बड़ा सवाल यह है कि पीएचसी में लेखापाल द्वारा सरकारी राशि का घोटाला होता रहा और पीएचसी प्रभारी को जानकारी तक नहीं हुई?