New Delhi: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को 17,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक लोन घोटाले में आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होना है। 66 वर्षीय उद्योगपति को दिल्ली स्थित ED मुख्यालय में बुलाया गया है, जहां उनसे मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत पूछताछ की जाएगी।
इस मामले की जांच पिछले महीने शुरू हुई थी, जब ED ने रिलायंस ग्रुप से जुड़े 35 स्थानों पर छापेमारी की थी। जांच का मुख्य फोकस रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और उससे जुड़ी कंपनियों पर है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों से मिले लोन को दूसरी कंपनियों में गलत तरीके से ट्रांसफर किया।
सूत्रों के अनुसार, इन लेन-देन में CLE नाम की एक कंपनी का इस्तेमाल हुआ, जिसे रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपनी “रिलेटेड पार्टी” के रूप में घोषित नहीं किया था। इससे ऑडिट कमेटी और शेयरधारकों की मंजूरी लेने की प्रक्रिया को नजरअंदाज कर दिया गया।
ED ने इस मामले में 39 बैंकों को नोटिस भेजकर लोन मॉनिटरिंग में लापरवाही को लेकर जवाब मांगा है। एजेंसी का कहना है कि कंपनियों द्वारा डिफॉल्ट करने के बावजूद बैंकों ने समय पर कोई कदम नहीं उठाया।
इस केस में पहली गिरफ्तारी भी हो चुकी है। बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड के एमडी पार्थ सारथी बिस्वाल को 1 अगस्त को गिरफ्तार किया गया। उन पर ₹68.2 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी तैयार करने का आरोप है।
अब ED बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि लोन देने से पहले क्रेडिट असेसमेंट कैसे किया गया था और डिफॉल्ट के बाद क्या कार्रवाई की गई।
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