झारखंड: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी देवघर एम्स के निदेशक से नाराज हो गए हैं। उनका आरोप है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के देवघर दौरे के कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग को विश्वास में नहीं लिया गया। डॉ. अंसारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘राज्य सरकार को विश्वास में लें, एम्स कोई निजी संस्था नहीं है’।
स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि बगैर स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के कार्यक्रम कैसे हो सकता है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि डायरेक्टर अपनी मर्जी के अनुसार एम्स को न चलाएं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एम्स में बाहरी लोगों को भरा जा रहा है, जिसके लिए आउटसोर्सिंग का सहारा लिया जा रहा है।
दूसरी ओऱ, देवघर के एम्स में राष्ट्रपति के कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री को नहीं बुलाए जाने पर कांग्रेस व झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी नाराजगी जताई है और आऱोप लगाया है कि देवघर एम्स के निदेशक किसी पार्टी विशेष के इशारों पर काम कर रहे हैं। इस बयान के बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य सरकार को राष्ट्रपति के कार्यक्रम की पूरी जानकारी है और यह आरोप निराधार हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि मंत्री का यह बयान केवल राजनीतिक लाभ के लिए है।
इस विवाद के बीच, डॉ. अंसारी ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति का झारखंड आगमन राज्य के लिए गौरव की बात है, लेकिन ऐसे कार्यक्रमों में राज्य सरकार और संबंधित विभागों को शामिल करना आवश्यक है। उनका मानना है कि इससे समन्वय बेहतर होता है और कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं।
इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच समन्वय की कमी से विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। विशेष रूप से जब बात राष्ट्रपति जैसे उच्च पदस्थ व्यक्ति के कार्यक्रम की हो, तो सभी संबंधित विभागों और सरकारों के बीच बेहतर तालमेल आवश्यक है।
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