New Delhi : अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंच गए हैं। यह दौरा अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच उच्च स्तर पर संपर्क का बड़ा संकेत माना जा रहा है। मुत्ताकी इस दौरान दारुल उलूम देवबंद मदरसे और ताजमहल का भी दौरा करेंगे। देवबंद मदरसे में कई अफगान छात्र भी पढ़ाई कर रहे हैं।
मुत्ताकी का यह दौरा पहले रद्द हो चुका था क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ओर से उन पर लगे यात्रा प्रतिबंध के कारण उन्हें भारत आने की अनुमति नहीं मिली थी। लेकिन 30 सितंबर को सुरक्षा परिषद ने उन्हें अस्थायी छूट दी और 9 से 16 अक्टूबर के बीच भारत आने की मंजूरी दी।
इस दौरे से भारत और तालिबान शासन के बीच संबंधों को नया मोड़ मिलने की उम्मीद है। हालांकि भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन दोनों देशों के बीच सीमित संपर्क बना हुआ है। भारत ने अफगानिस्तान में मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित किया है और आतंकवाद, महिलाओं व अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंता जताई है।

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता 2021 में अमेरिकी सेना के बाहर जाने के बाद से कायम है। तालिबान को अभी तक अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली है, लेकिन कई देश सुरक्षा और मानवीय मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं, जिनमें भारत भी शामिल है। रूस जुलाई में तालिबान को आधिकारिक मान्यता देने वाला पहला देश बना।
भारत ने अफगानिस्तान के विकास में पहले भी बड़ा योगदान दिया था। तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत ने अपनी राजनयिक और नागरिक टीम को वापस बुला लिया था। फिर 2022 में भारत ने काबुल में एक तकनीकी मिशन शुरू किया, जो मानवीय सहायता पर नजर रखता है और न्यूनतम राजनयिक मौजूदगी बनाए रखता है।