गुमला: पॉलिटेक्निक कॉलेज के 68 स्टूडेंट्स से प्लेसमेंट के नाम पर ठगी

गुमलाः  पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों को रोजगार का झांसा देकर उनसे पैसों की ठगी की गयी. यहां के 68 स्टूडेंट्स से प्लेसमेंट के नाम पर ठगी हुई है. इस मामले में छात्रों ने काॅलेज में जाकर खूब हंगामा किया. कॉलेज प्रशासन के समझाने के बावजूद नहीं मानने पर पुलिस प्रशासन को बुलाना पड़ा. गुमला में पॉलिटेक्निक कॉलेज में छात्रों का हंगामा इतना बढ़ गया कि कई घंटों तक परिसर में हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. हंगामा कर छात्रों के आगे कॉलेज प्रबंधन की एक नहीं चली. इसके एसडीओ रवि आनंद को बुलाना पड़ा इसके बाद छात्र शांत हुए.

एसकेएचवाइ टेक अहमदाबाद (गुजरात) में नौकरी के लिए प्लेसमेंट किए जाने वाले छात्र-छात्राओं ने गुमला के चंदाली स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं ऋषभ इंटरप्राइजेज कंपनी पर नौकरी देने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया. विगत दिनों पॉलिटेक्निक कॉलेज चंदाली में अध्ययनरत 68 छात्र-छात्राओं का प्लेसमेंट दिया गया. प्लेसमेंट मिलने के बाद सभी छात्र-छात्राएं अहमदाबाद पहुंचे. जहां छात्र-छात्राओं को पता चला कि नौकरी देने के नाम पर उन लोगों के साथ धोखा हो रहा है. इससे क्षुब्ध सभी छात्र-छात्राएं शुक्रवार की दोपहर लगभग 12.30 बजे अहमदाबाद से वापस पॉलिटेक्निक कॉलेज चंदाली लौट आए. छात्र-छात्राओं ने वापस लौटने की सूचना अपने-अपने अभिभावकों को भी दिया था.

छात्र-छात्राओं के वापस लौटने के बाद काफी संख्या में अभिभावक भी पॉलिटेक्निक कॉलेज पहुंचे. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने कॉलेज में हंगामा किया. यहां तक छात्र-छात्राएं पॉलिटेक्निक कॉलेज के मुख्य प्रवेश द्वार पर तालाबंदी करने पर उतारू हो गए. अंत में उग्र छात्रों से निपटने के लिए महिला एवं पुरुष पुलिस फोर्स को बुलानी पड़ी. इस दौरान कॉलेज के प्राचार्य इंजीनियर डॉक्टर शीबा साहू सहित कॉलेज के लोगों ने छात्र-छात्राओं को काफी समझाने-बुझाने का प्रयास किया लेकिन वो प्रयास असफल रहे.

नौकरी के नाम पर ठगी को लेकर छात्र-छात्राओं ने बताया कि उन लोगों को रोजगार देने के नाम पर धोखा दिया गया है. पॉलिटेक्निक कॉलेज की ओर से एसकेएचवाइ टेक अहमदाबाद (गुजरात) में प्लेसमेंट मिला था, उस कंपनी का नाम ऋषभ इंटरप्राइजेज है. एक एजेंट के माध्यम से हम सभी एसकेएचवाइ टेक कंपनी में नौकरी मिलनी थी. वहां जाने के बाद पता चला कि ऋषभ इंटरप्राईजेज नाम की कोई कंपनी ही नहीं है. स्टूडेंट्स ने बताया कि उन लोगों को अलग-अलग जगहों पर रखा गया. इधर-उधर घुमाया गया और जहां उनको रहना था. वहां सबसे से एक-एक हजार रुपया भी लिया गया. छात्र-छात्राओं ने बताया कि जब वो लोग वहां घूम रहे थे, उस समय वहां के लोगों ने इन छात्र-छात्राओं से बात की. हमारे बारे में पूछा तो हम स्टूडेंट्स हैं और नौकरी के लिए आए ऐसी जानकारी दी. इसके बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां ऋषभ इंटरप्राईजेज नाम की कोई कंपनी ही नहीं है.