धनबाद। आग और भू-धंसान से प्रभावित झारखंड के झरिया कोयलांचल की 556 बस्तियों के 1.54 लाख परिवारों के पुनर्वास और आग पर काबू पाने की प्रस्तावित योजना को केंद्रीय वित्त मंत्रालय की हरी झंडी मिल गई है। प्रस्ताव के अनुसार, इस प्रोजेक्ट पर 6500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोयला मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट का कैबिनेट नोट तैयार कर लिया है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसे अमली जामा पहनाया जाएगा।

बता दें कि झरिया कोयला क्षेत्र में कुल 595 अग्नि प्रभावित क्षेत्र चिन्हित किए गए थे। इनमें से कई क्षेत्रों की आग को बुझा दिया गया है। अब 556 क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पुनर्वास और फायर फाइटिंग प्रोजेक्ट चलाने के लिए विशेषज्ञ समिति ने मंजूरी दी है।

इन क्षेत्रों में रह रहे एक लाख चार हजार परिवारों में 32,000 रैयत और शेष गैर-रैयत हैं। कोयलांचल में कई जगहें ऐसी हैं, जहां वर्ष 1916 में पहली बार आग लगी थी और वो आग आज तक जल रही है। इतने वर्षों में भी यहां रह रहे लोगों के पुनर्वास का मामला सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है।

नए प्लान में कोयला मंत्रालय न सिर्फ पूरे इलाके को आग से मुक्त करना चाहता है बल्कि यहां रह रहे लोगों का पुनर्वास भी करना चाहता है। 556 अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में से 81 क्षेत्रों में प्रोजेक्ट का पहला फेज लागू किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार योजना का पहला चरण वर्ष 2026 तक चलेगा।

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