Jamtara : जामताड़ा जिले में झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल गुरुवार को सातवें दिन भी जारी रही। 21 नवंबर 2025 से शुरू हुई इस हड़ताल की वजह से ग्रामीण विकास से जुड़े कई कार्यक्रम, महिला आजीविका गतिविधियाँ, स्वयं सहायता समूहों का संचालन, दीदी बाड़ी योजनाएँ और बैंक लिंकिंग की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हो रही है। सभी पलाश कर्मी जामताड़ा जिला मुख्यालय के समाहरणालय परिसर के बाहर स्थित शीशम बागान में लगातार धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि जेएसएलपीएस प्रबंधन ने 15 नवंबर तक उनकी समस्याओं पर समाधान देने का वादा किया था, लेकिन आज तक कोई ठोस लिखित आदेश जारी नहीं किया गया।
बीपीएम शफीक अंसारी ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को धमकी भरे पत्र भेजे जा रहे हैं, जिससे वे मानसिक रूप से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि वर्षों की सेवा के बाद भी नौकरी की सुरक्षा न मिलना कर्मचारियों को संघर्ष करने पर मजबूर कर रहा है। संघ की माँग है कि जेएसएलपीएस कर्मियों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए, सेवाओं को स्थायी बनाया जाए, केंद्र की एनएमएमयू नीति को बिना किसी कटौती के लागू किया जाए और योग्यता व वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति के साथ-साथ वार्षिक वेतन वृद्धि व महंगाई भत्ता भी सुनिश्चित किया जाए।
कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सरकार और प्रबंधन उनकी माँगों पर लिखित निर्णय नहीं लेते, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने इस स्थिति की जिम्मेदारी भी सरकार और प्रबंधन पर ही डाली है। आंदोलन में स्तर 5 से 8 तक के सभी कर्मचारी शामिल हैं और उन्होंने आम जनता व सखी मंडलों से अपने संघर्ष को समर्थन देने की अपील भी की है।


