Johar Live Desk : भारत उन देशों में शामिल है जहां कोको की खेती देश की गर्म धूप और उपजाऊ मिट्टी में होती है। केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु देश के सबसे बड़े कोको हब बन चुके हैं। बावजूद इसके, भारतीय अक्सर विदेशी चॉकलेट ब्रांड्स को तरजीह देते हैं। अंतरराष्ट्रीय चॉकलेट ब्लॉगर शैरन टेरेंजी के अनुसार, भारत में हाई क्वालिटी क्रॉप-टू-बार चॉकलेट बनाने वाले अनुभवी कोको किसान हैं, जो अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीतने लायक चॉकलेट बना रहे हैं। फिर भी बड़े पैमाने पर बनने वाली विदेशी चॉकलेट ही अधिक लोकप्रिय हैं।
विदेशी चॉकलेट की लोकप्रियता के कारण :
- कीमत : भारतीय क्राफ्ट चॉकलेट महंगी पड़ती है, जबकि विदेशी मास-मार्केट चॉकलेट किफायती होती है।
- पहचान और मार्केटिंग : विदेशी ब्रांड्स ने दशकों में भारतीय स्वाद और मार्केट में पकड़ बना ली है।
- कोको की क्वालिटी पर बहस : कुछ लोग मानते हैं कि भारत का मौसम प्रीमियम कोको के लिए सही नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार सही तकनीक से भारतीय कोको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो रहा है।
Indian Craft & Cacao Chocolate Festival :
बैंगलोर में 5, 6 और 7 दिसंबर को आयोजित यह फेस्टिवल भारतीय क्राफ्ट चॉकलेट को सेलिब्रेट करने का मौका है। तीन दिनों तक फेस्टिवल में शामिल होकर लोग :
- सैकड़ों तरह की भारतीय बीन्स-टू-बार चॉकलेट चख सकते हैं।
- 10 से ज्यादा इंटरैक्टिव वर्कशॉप्स में हिस्सा ले सकते हैं।
- लोकल कोको किसानों और क्राफ्ट मेकर्स से मिलकर चॉकलेट मेकिंग और कोको फार्मिंग के बारे में जान सकते हैं।
- टॉप भारतीय ब्रांड्स को एक साथ देखकर उनके अनुभव का आनंद ले सकते हैं।
इस फेस्टिवल के माध्यम से भारत में क्राफ्ट चॉकलेट की संस्कृति तेजी से बढ़ रही है और लोगों को भारतीय चॉकलेट की गुणवत्ता और विविधता से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।

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