Jamshedpur: सोनारी और बिष्टुपुर इलाकों में ब्लिंकिट स्टोर के बाहर पार्किंग विवाद हिंसक रूप ले लिया और अब यह पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया है। बाबा कुटी मंदिर के पास स्थित स्टोर के बाहर शुरू हुआ मामूली विवाद दो घंटे के भीतर मारपीट और पथराव तक पहुँच गया, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, ब्लिंकिट स्टोर के कर्मचारी अपनी डिलीवरी गाड़ियां अक्सर सड़क पर खड़ी कर देते हैं, जिससे जाम की समस्या बढ़ गई थी। शनिवार देर शाम एक युवक ने इस पर आपत्ति जताई और कर्मचारियों से गाड़ियों को व्यवस्थित करने का अनुरोध किया। इससे कहासुनी शुरू हुई, जो थोड़ी ही देर में मारपीट में बदल गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धक्का-मुक्की के बाद बस्तीवासी बड़ी संख्या में जमा हो गए और स्टोर का घेराव कर लिया। देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया, स्टोर की खिड़कियां टूट गईं और सड़क पर अफरातफरी मच गई। किसी ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन तब तक हालात काफी बिगड़ चुके थे।

पुलिस के पहुंचने पर भी कुछ युवकों ने हाथापाई करने की कोशिश की, जिससे स्थिति और जटिल हो गई। सोनारी थाना प्रभारी ने त्वरित कार्रवाई बल और क्यूआरटी टीम को बुलाकर मौके पर स्थिति नियंत्रित कराई। पुलिस ने इलाके में मौजूद सीसीटीवी फुटेज जब्त किए हैं ताकि विवाद की वास्तविक शुरुआत का पता लगाया जा सके।
स्थानीय बस्तीवासियों ने आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत के बावजूद ब्लिंकिट स्टोर प्रबंधन ने पार्किंग व्यवस्था में सुधार नहीं किया। उनका कहना है कि डिलीवरी वाहनों की वजह से सड़क हमेशा भीड़-भाड़ वाली रहती है और राहगीरों को परेशानी होती है।
वहीं, ब्लिंकिट कर्मचारियों का कहना है कि वे केवल अपने काम में व्यस्त थे और जानबूझकर निशाना बनाया गया। कर्मचारियों ने बताया कि विवाद की शुरुआत उस युवक ने की, जिसने पहले अपशब्द कहे और हाथापाई शुरू की। बाद में भीड़ ने उन पर हमला किया और उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाया।
जिला प्रशासन ने भी स्टोर प्रबंधन को चेतावनी दी है कि वे पार्किंग व्यवस्था सुधारें और आवासीय इलाकों में यातायात बाधा पैदा न करें। यह पहली बार नहीं है जब जमशेदपुर में ब्लिंकिट डिलीवरी कर्मियों या पार्किंग को लेकर विवाद सामने आया हो। कुछ महीने पहले मानगो क्षेत्र में भी इसी तरह का विवाद हुआ था।
हाल ही में बिष्टुपुर इलाके में भी पार्किंग को लेकर अशांति बढ़ी। स्थानीय निवासियों और स्टोर कर्मचारियों के बीच कई दिनों से तनाव बना हुआ था, जो अंततः बड़े विवाद में बदल गया। विवाद उस समय भड़का जब एक महिला स्टोर के पास पार्किंग को लेकर परेशान हुई और कर्मचारियों से बात करना चाही। आरोप है कि महिला के साथ दुर्व्यवहार किया गया, जिससे आसपास के लोग खफा हो गए। इसके बाद मारपीट हुई और पुलिस को सूचना दी गई।
जानकारी के अनुसार, बिष्टुपुर स्थित स्टोर को पुलिस ने 30 दिनों के अंदर खाली करने का आदेश दिया है।
इस घटना ने शहर में ई-कॉमर्स डिलीवरी और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोनारी और बिष्टुपुर में हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं, लेकिन जनता उम्मीद कर रही है कि दोषियों पर उदाहरणात्मक कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल पार्किंग विवाद नहीं, बल्कि शहर में बढ़ते व्यावसायिक दबाव और प्रशासनिक लापरवाही का संकेत भी है। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में ऐसे विवाद और गंभीर रूप ले सकते हैं।