Jamtara (Rajiv Jha) : भारत के महान समाज सुधारक, शिक्षाविद् और नारी शिक्षा के अग्रदूत पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर की 205वीं जयंती के अवसर पर जामताड़ा में सेंट एंथोनी विद्यालय और झारखंड बंगाली समिति के संयुक्त तत्वावधान में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यासागर के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उनके जीवन-दर्शन, शिक्षा में योगदान और सामाजिक सुधारों पर आधारित प्रेरणादायक भाषण और कविताएं प्रस्तुत कीं।
विद्यासागर के योगदान पर चर्चा
झारखंड बंगाली समिति के अध्यक्ष और विद्यालय के मुख्य संरक्षक डॉ. दुर्गा दास भंडारी ने कहा, “विद्यासागर का जीवन सेवा और समर्पण का प्रतीक है। हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलकर समाज को शिक्षित और सशक्त करना चाहिए।” विद्यालय के निदेशक डॉ. चंचल भंडारी ने विद्यासागर को दूरदर्शी समाज सुधारक बताते हुए कहा, “स्त्री शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह और कुरीतियों के खिलाफ उनके प्रयास भारतीय इतिहास में अमर हैं।”

सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर
प्राचार्य अरूप कुमार यादव ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देते हैं।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में डॉ. पार्थो कुमार बॉस, डॉ. पी.के. सारखेल, सुब्रतो बनर्जी, दीप्ति विराज पाल, त्रिदिव सरकार, तापोति सरकार सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए। विजन इ सेक्रेटरी अपर्णा भंडारी, उप-प्राचार्य लारेब खान, शिक्षक निवास कुमार, उत्पल मंडल, रिंकू घोष, दीनबंधु सिंह, सुजित साहा, दीपेश पाल, रतना पाल और अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
आयोजन का महत्व
इस श्रद्धांजलि सभा ने विद्यासागर के योगदानों को याद करने के साथ-साथ समाज में शिक्षा और सुधार के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम किया।