Ranchi : झारखंड में विधानसभा में विपक्ष और भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने स्वास्थ्य विभाग की टेंडर प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। बाबूलाल ने पत्र में कहा है कि विभाग की टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं के स्पष्ट साक्ष्य मिले हैं, जिनमें कुछ चुनिंदा लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया है। विपक्ष के नेता ने बताया कि यह मामला केवल वित्तीय गड़बड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि शासन की पारदर्शिता और संवैधानिक सिद्धांतों पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और समयबद्ध उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
एक ही परिवार की तीन कंपनियों का खेल
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि एक ही परिवार ने तीन कंपनियां बनाकर पूरे घोटाले को अंजाम दिया। इन कंपनियों के नाम हैं – हैंड इंफा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, एमएस भारत आर्ट एंड सप्लायर और एमएस ग्लोबल आर्ट एंड सप्लायर। सभी कंपनियों का पता रांची के इरगु रोड पहाड़ी टोला में है और इनके निदेशक/प्रोप्राइटर ख्वाजा अब्दुल गुदिर अहमद बट, ख्वाजा मोहसिन अहमद और फरहान अहमद बट हैं। मरांडी ने कहा कि ख्वाजा मोहसिन अहमद एक ही समय में दो कंपनियों का निदेशक हैं, जिसके कारण सभी टेंडर रद्द किए जाने चाहिए थे। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के संरक्षण में इन्हें बार-बार ‘टेक्निकली क्वालीफाई’ घोषित किया गया।
टेंडरों में हेर-फेर
बाबूलाल ने कहा कि झारखंड के 11 जिलों में 11 टेंडरों का हवाला देते हुए बताया कि सभी टेंडर केवल इन तीन कंपनियों को दिए गए। टेंडरों की बोलियों में केवल कुछ हजार रुपये का अंतर पाया गया, जिससे यह स्पष्ट है कि दरें एक ही स्रोत से तय की गई थीं।

जब किसी अन्य कंपनी ने टेंडर में भाग लेने की कोशिश की, तो उसे तकनीकी आधार पर अयोग्य घोषित कर बाहर कर दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंपनियों को भुगतान वास्तविक बाजार मूल्य से कहीं अधिक किया गया।
अधिकारियों से की जांच की मांग
मरांडी ने मुख्यमंत्री से कहा कि प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराकर पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जेम पोर्टल की नियमावली का उल्लंघन होने और सरकारी धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का भी जिक्र किया।
ग्यारह टेंडरों की सूची
बाबूलाल ने जिन 11 टेंडरों का हवाला दिया, वे हैं…
- जीईएम/2024/B/5748485 (सिविल सर्जन- दुमका)
- जीईएम/2024/B/5758754 (सिविल सर्जन- रांची)
- जीईएम/2025/B/5895644 (सिविल सर्जन- जामताड़ा)
- जीईएम/2025/B/5919778 (सिविल सर्जन- जामताड़ा)
- जीईएम/2025/B/5920544 (सिविल सर्जन- बोकारो)
- जीईएम/2025/B/6012458 (सिविल सर्जन- बोकारो)
- जीईएम/2025/B/6012441 (सिविल सर्जन- बोकारो)
- जीईएम/2025/B/6013926 (सिविल सर्जन- दुमका)
- जीईएम/2025/B/6017607 (सिविल सर्जन- देवघर)
- जीईएम/2025/B/6021839 (सिविल सर्जन- सरायकेला खरसावां)
- जीईएम/2025/B/6022047 (सिविल सर्जन- जामताड़ा)
बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों और मंत्री के संरक्षण में यह घोटाला सुनियोजित तरीके से किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूरी प्रक्रिया की पारदर्शी जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है।
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