
Ranchi : झारखंड के ओबीसी विद्यार्थियों को पिछले तीन वर्षों से ई-क्लरण छात्रवृत्ति के भुगतान में लगातार देरी का सामना करना पड़ रहा है। समय पर राशि नहीं मिलने से हजारों छात्र-छात्राएँ अपनी पढ़ाई को लेकर संकट में हैं। इस समस्या को लेकर छात्र प्रतिनिधि राहुल कुमार राणा और आमिर हमजा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने आदिवासी कल्याण आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल समाधान की मांग की।
छात्रों का कहना है कि छात्रवृत्ति योजना केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी पर आधारित है, लेकिन पिछले दो वर्षों से केंद्र सरकार का हिस्सा समय पर जारी नहीं हो रहा। सत्र 2022-23 से अब तक ओबीसी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण ठप है। पिछले वर्ष राज्य को केवल ₹11.40 करोड़ मिले, जबकि आवश्यकता ₹93.80 करोड़ की थी। वहीं राज्य सरकार ने भी लगातार दो वर्षों से अपना हिस्सा जारी नहीं किया। छात्रों का आरोप है कि मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्री को कई बार ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया। वित्तीय वर्ष 2025 में कल्याण विभाग को ₹839 करोड़ का प्रावधान किया गया है, फिर भी इसका लाभ विद्यार्थियों तक नहीं पहुँच पा रहा है।
तकनीकी स्तर पर भी स्थिति चिंताजनक है। 18 और 19 सितम्बर को जब बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने आवेदन किया, तो पोर्टल पर “Email ID already exists” और “UID already exists” जैसी त्रुटियाँ सामने आईं। कई आवेदनों को बीच में ही अस्वीकार कर दिया गया, जिससे हजारों छात्र आवेदन से वंचित रह गए।
विद्यार्थियों ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकार तुरंत लंबित राशि जारी करें, पोर्टल की तकनीकी खामियों को दूर किया जाए और छात्रवृत्ति वितरण को पारदर्शी व समयबद्ध बनाया जाए। चेतावनी दी गई है कि यदि 15 दिनों के भीतर समाधान नहीं हुआ तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।