
Johar Live Desk : बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ कार्रवाई का दायरा और सख्त होता जा रहा है। देश के चुनाव आयोग ने अब उनका राष्ट्रीय पहचान पत्र (NID) लॉक कर दिया है, जिससे वह आगामी आम चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगी।
चुनाव आयोग के सचिव अख्तर अहमद ने बुधवार को प्रेस को बताया कि जिन लोगों का एनआईडी लॉक कर दिया गया है, वे विदेश में रहकर भी वोट नहीं दे सकते। उन्होंने सीधे नाम नहीं लिया, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शेख हसीना की बहन शेख रेहाना, बेटे सजीब वाजेद जॉय और बेटी साइमा वाजेद पुतुल के एनआईडी भी ब्लॉक कर दिए गए हैं।
इसके अलावा, उनके परिवार के अन्य सदस्य जैसे रेहाना की बेटियां ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक, अजमीना सिद्दीक, और भतीजे रदवान मुजीब सिद्दीक बॉबी, साथ ही हसीना के पूर्व सुरक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी, उनकी पत्नी और बेटी को भी मतदान से रोक दिया गया है।
क्यों की गई यह कार्रवाई?
यह कदम उस समय उठाया गया है जब शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने अदालत की अवमानना के एक मामले में 6 महीने जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद, 5 अगस्त 2024 को हसीना की सरकार एक हिंसक छात्र आंदोलन के चलते गिरा दी गई, और वह भारत भाग गईं।
इस राजनीतिक उथल-पुथल के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख सलाहकार नियुक्त किया गया। उन्होंने सत्ता में आने के बाद अवामी लीग की गतिविधियों को निलंबित कर दिया और हसीना समेत कई वरिष्ठ नेताओं पर मानवता के विरुद्ध अपराध सहित अन्य गंभीर आरोपों में मुकदमा शुरू कराया।
इस समय शेख हसीना पर बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में अनुपस्थिति में मुकदमा चल रहा है। अभियोजन पक्ष ने जुलाई 2024 के विद्रोह के दौरान कथित अत्याचारों के लिए मृत्युदंड की मांग की है।
विपक्ष के हालात
अवामी लीग के ज्यादातर नेता या तो भूमिगत हैं या विदेश में निर्वासन में रह रहे हैं। विद्रोही भीड़ ने नेताओं की संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया है, जिसमें बांग्लादेश के संस्थापक और हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान का ऐतिहासिक 32 धानमंडी आवास भी शामिल है।