Patna : पटना वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। लंबे इंतजार के बाद पटना मेट्रो प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। खासकर रेड लाइन के प्राथमिक कॉरिडोर पर ट्रायल रन सफल रहा है, और अब इसे आम जनता के लिए शुरू करने की तैयारी जोरों पर है।
शुरुआती सफर: 40 की रफ्तार, वॉकी-टॉकी से नियंत्रण
रेड लाइन के पहले खंड में न्यू पाटलिपुत्र आईएसबीटी से लेकर भूतनाथ स्टेशन तक की 3.6 किलोमीटर की दूरी तय की जा रही है। अभी सिग्नल सिस्टम पूरी तरह स्थापित नहीं हुआ है, इसलिए शुरूआत में मेट्रो ट्रेन की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा रखी जाएगी और ट्रेन का संचालन वॉकी-टॉकी सिस्टम के जरिए किया जाएगा। रेलवे से इसके लिए मंजूरी मिल चुकी है।
इस मार्ग पर फिलहाल यात्रा में 25 से 30 मिनट का समय लगेगा, लेकिन जैसे ही सिग्नल सिस्टम सक्रिय होगा, यह समय घटकर 10 से 15 मिनट हो जाएगा।
मेट्रो के कोच में झलकेगी बिहार की संस्कृति
पटना मेट्रो के कोचों को बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से सजाया गया है। गोलघर, महावीर मंदिर, भगवान महावीर की झलक, और मधुबनी पेंटिंग जैसे दृश्य मेट्रो की बोगियों की शोभा बढ़ा रहे हैं।
प्रत्येक कोच में 300 यात्रियों की क्षमता है, जिससे पटना की सड़कों पर ट्रैफिक का बोझ कम होने की उम्मीद है। इससे ना सिर्फ जाम की समस्या में राहत मिलेगी, बल्कि वायु प्रदूषण भी कम होगा।
आगे की योजना और विस्तार
दूसरे चरण में मेट्रो को मलाही पकड़ी स्टेशन तक दिसंबर तक पहुंचाने की योजना है। वहीं डिपो का काम भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। पीएमआरसी और डीएमआरसी की टीम लगातार दिन-रात काम कर रही है ताकि लॉन्च में कोई देरी न हो।
पटना के लिए एक नया अध्याय
पटना मेट्रो सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि यह शहर के विकास का एक बड़ा कदम है। यह न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। अब वो दिन दूर नहीं जब पटना की सड़कों पर मेट्रो की रफ्तार और उसकी आवाजाही आम नज़ारा बन जाएगा।