Ranchi : राज्य में इंस्पेक्टर से डीएसपी के पद पर प्रोन्नत हुए 63 अधिकारियों की हालत कुछ अजीब सी है। कहने को तो वे डीएसपी बन चुके हैं, लेकिन आज भी इंस्पेक्टर का ही काम कर रहे हैं। कंधे पर डीएसपी का स्टार जरूर चमक रहा है, लेकिन वेतन और सुविधाएं अब भी इंस्पेक्टर के स्तर की ही मिल रही हैं। राज्य सरकार ने इन अधिकारियों को 26 जून को प्रोन्नति दी थी। करीब ढाई महीने बीत जाने के बाद भी विभाग में इनके पदस्थापन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
सूची तैयार, आदेश का इंतजार
विभागीय सूत्रों के अनुसार, नव-प्रोन्नत डीएसपी के स्थानांतरण-पदस्थापन की सूची तैयार हो चुकी है। केवल ऊपर से ‘हरी झंडी’ का इंतजार है। हरी झंडी मिलते ही आदेश जारी कर दिया जाएगा। 63 नव-प्रोन्नत डीएसपी के अलावा 39 नवनियुक्त डीएसपी भी पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनका प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। इस तरह कुल 102 डीएसपी पदस्थापन का इंतजार कर रहे हैं।
200 डीएसपी तक हो सकता है स्थानांतरण
सूत्र बताते हैं कि इस बार सूची में पहले से कार्यरत डीएसपी के नाम भी शामिल होंगे। यानी कई मौजूदा डीएसपी भी स्थानांतरित होंगे। विभागीय चर्चा है कि लगभग 200 डीएसपी का स्थानांतरण-पदस्थापन किया जाएगा। इस सूची पर गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग और मंत्री की स्वीकृति आवश्यक है।
आईपीएस अधिकारी भी वेटिंग में
केवल डीएसपी ही नहीं, राज्य के पांच आईपीएस अधिकारी भी पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं। इनमें 1997 बैच की एडीजी सुमन गुप्ता, 2015 बैच के डॉ. एहतेशाम वकारिब, 2016 बैच के दीपक कुमार पांडेय और अनिमेष नैथानी तथा 2018 बैच के मनोज स्वर्गियारी शामिल हैं। ये सभी अधिकारी 27 मई से ही पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनके वेतन में रुकावट न आए, इसके लिए इन्हें कंपल्सरी वेट सर्टिफिकेट निर्गत किया गया है। अगर यह प्रमाण पत्र जारी नहीं होता तो पदस्थापन आदेश मिलने तक इन्हें वेतन भी नहीं मिल पाता।