Johar Live Desk: पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लागू होने की संभावना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। अगर यह फैसला लिया जाता है तो कीमतों में 20 से 30 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है, जिससे आम जनता को बड़ा फायदा होगा।
जीएसटी लागू होने के समय पेट्रोल-डीजल को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव था, लेकिन राज्यों ने इसे मानने से इनकार कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि केंद्र सरकार तैयार है, लेकिन राज्यों की सहमति जरूरी है।
राज्यों की सबसे बड़ी चिंता उनकी कमाई है। पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला वैट (VAT) और केंद्र की ओर से लगाई जाने वाली एक्साइज ड्यूटी राज्य सरकारों की आय का बड़ा स्रोत है। यही वजह है कि राज्य इसे अपने नियंत्रण में ही रखना चाहते हैं।
फिलहाल पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्यों को मिलाकर 50% से ज्यादा टैक्स लगता है। पेट्रोल पर करीब 12 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी ली जा रही है। इसके अलावा राज्यों का वैट 20 से 25 फीसदी तक होता है।
अगर भविष्य में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया गया और इसे 18% वाले स्लैब में रखा गया तो कीमतें 20 से 30 रुपये प्रति लीटर तक कम हो जाएंगी। वहीं 40% वाले स्लैब में रखे जाने पर भी 10 रुपये तक की राहत मिल सकती है।
इससे पूरे देश में पेट्रोल-डीजल एक समान दाम पर मिलेगा, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी और महंगाई पर नियंत्रण करने में भी मदद मिलेगी। हालांकि राज्यों की मंजूरी के बिना इसे लागू करना आसान नहीं होगा।