Ranchi : देशभर में स्वतंत्रता दिवस की धूम है। झारखंड की रांची भी देशभक्ति के जज्बे से सराबोर है। इसी कड़ी में शहर के सबसे ऐतिहासिक और पवित्र स्थल, पहाड़ी मंदिर में आज सुबह राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं और शहरवासियों की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने इस गौरवशाली क्षण को अपने दिलों में बसा लिया।
इतिहास में दर्ज है अनूठी परंपरा
1947 से निरंतर जारी इस परंपरा के तहत, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहाड़ी मंदिर के गुंबद पर सबसे पहले तिरंगा फहराया जाता है। यह देश का पहला ऐसा मंदिर है जहां दोनों राष्ट्रीय पर्वों पर तिरंगा फहराने की यह परंपरा चलती आ रही है। इतिहासकार बताते हैं कि आज़ादी के पहले ही रात के समय यहां तिरंगा फहराने का अनूठा मौका मिला था, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना थी।
देशभक्ति का रंग चढ़ा माहौल
आज सुबह जैसे ही मंदिर के गुंबद पर तिरंगा लहराया गया, वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने खड़े होकर राष्ट्रगान गाया। ‘भारत माता की जय’ के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा। भजन-कीर्तन, मंत्रोच्चारण और देशभक्ति गीतों ने माहौल को और भी उत्साहपूर्ण बना दिया।

परंपरा का गौरव, रांची का गर्व
पहाड़ी शिव मंडल समिति के प्रेम शंकर चौधरी ने बताया कि वे पिछले 30 वर्षों से इस परंपरा को निभा रहे हैं और उनके पूर्वज भी इसे आगे बढ़ाते आए हैं। यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था की पहचान है, बल्कि देशभक्ति और एकता का प्रतीक भी है। रांची के लिए यह गर्व की बात है कि यहां देश का सबसे पहला तिरंगा फहराने का सम्मान पहाड़ी मंदिर को प्राप्त है।
एक अनमोल विरासत
हर साल सबसे पहले पहाड़ी मंदिर में भगवान भोले की पूजा के बाद तिरंगा गुंबद पर लगाया जाता है। फिर पूरे शहर में स्वतंत्रता दिवस का जश्न शुरू होता है, जो एकता और सद्भाव का संदेश देता है।
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