Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    5 Aug, 2025 ♦ 3:52 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»झारखंड»झारखंड बन रहा मीठे पानी के मोती उत्पादन का केंद्र, हजारीबाग में बनेगा पहला क्लस्टर
    झारखंड

    झारखंड बन रहा मीठे पानी के मोती उत्पादन का केंद्र, हजारीबाग में बनेगा पहला क्लस्टर

    Kajal KumariBy Kajal KumariAugust 3, 2025No Comments3 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    झारखंड
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Ranchi : झारखंड मीठे पानी के मोती उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाइ) के तहत झारखंड सरकार के सहयोग से हजारीबाग को राज्य का पहला मोती खेती क्लस्टर बनाने की योजना है। इसके लिए 22 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। राज्य में प्रतिवर्ष 77,000 मोतियों का उत्पादन हो रहा है, जिसमें सरायकेला 30,000 मोतियों के साथ अग्रणी है।

    ग्रामीण युवाओं और किसानों के लिए नया अवसर

    राज्य के ग्रामीण युवाओं और किसानों को मोती पालन का प्रशिक्षण देकर आजीविका का नया साधन उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में झारखंड में 132 मोती पालक किसान हैं, और 842 किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। रांची के प्रशिक्षण संस्थान ने हाल ही में 25 किसानों को प्रशिक्षित किया है। मोती उत्पादन रांची, हजारीबाग, खूंटी, सरायकेला, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, देवघर और दुमका में हो रहा है।

    मैकेनिकल इंजीनियर से मोती पालक बने बुधन सिंह

    चाईबासा के तंतनगर प्रखंड के दाड़िमा गांव के बुधन सिंह पूर्ति ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग छोड़ मोती पालन में नया मुकाम हासिल किया है। मेडिकल बायो वेस्ट प्लांट की असफलता के बाद उन्होंने 2014 में रांची के हेहल में मोती पालन शुरू किया। यूट्यूब से जानकारी और सीफा से प्रशिक्षण लेकर उन्होंने इस क्षेत्र में रिसर्च शुरू किया। उनकी कंपनी, पूर्ति एग्रोटेस, अब सालाना 32 लाख रुपये कमा रही है।

    बुधन ने सेल के सीएसआर फंड से प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया, जहां 132 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने 3,600 रुपये में स्वदेशी सर्जिकल उपकरण विकसित किया, जो सामान्यतः 25,000 रुपये का होता है। उनके पास 1.7 लाख सीप हैं, और 6.5 लाख रुपये के निवेश से वह 32 लाख रुपये की कमाई की उम्मीद कर रहे हैं।

    छोटी जगह, बड़ा मुनाफा

    रांची की रोहिणी गौतम, जो स्वयं मैकेनिकल इंजीनियर हैं, ने अपने घर की छत पर मोती पालन शुरू किया। उन्होंने 5 स्विमिंग पूल और 16 ड्रम में 1,500 सीप डाले, जिसमें 1.5 लाख रुपये की लागत आई। रोहिणी ने कोरोना काल में बुधन के फार्म हाउस से प्रशिक्षण लिया और अब वह निवेश का 10 गुना लाभ कमा रही हैं। उनका कहना है कि मोती पालन छोटी जगहों पर भी संभव है, जो छोटे किसानों और युवाओं के लिए बेहतर अवसर है।

    50 रुपये की लागत, 150 रुपये से अधिक की कमाई

    एक सीप को ढाई साल तक पालने में 35-50 रुपये की लागत आती है, जबकि मोती की बिक्री 150 रुपये से लेकर 1,500 रुपये तक होती है। ए-ग्रेड मोती, जिसमें 5-6 लेयर होती हैं, की कीमत सबसे अधिक होती है। सीप में तांबे का न्यूक्लियस डालकर मोती तैयार किया जाता है।

    हजारीबाग क्लस्टर की योजना

    मत्स्य विभाग के निदेशक डॉ. एचएन द्विवेदी ने बताया कि नैबकांन (नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज) हजारीबाग क्लस्टर के लिए कार्य योजना तैयार कर रहा है। जल्द ही यह क्लस्टर विकसित होगा, जो राज्य में मोती उत्पादन को और बढ़ावा देगा।

    जिलों में मोती उत्पादन :

    • सरायकेला : 30,000
    • रांची : 15,000
    • पश्चिमी सिंहभूम : 10,000
    • हजारीबाग : 8,000
    • पूर्वी सिंहभूम : 6,000
    • खूंटी : 3,000
    • दुमका : 3,000
    • देवघर : 2,000

    Also Read : नक्सलियों ने उड़ाया रेलवे ट्रैक, किया भारत बंद का ऐलान

    Jharkhand is becoming a centre for freshwater pearl production the first cluster will be built in Hazaribagh झारखंड बन रहा मीठे पानी के मोती उत्पादन का केंद्र हजारीबाग में बनेगा पहला क्लस्टर
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleपीनट बटर से बनाएं टेस्टी और हेल्दी ब्रेकफास्ट, एनर्जी के साथ बढ़ेगा मेटाबॉलिज्म
    Next Article मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं की गाड़ी नहर में गिरी, 11 की मौ’त, एक लापता

    Related Posts

    झारखंड

    शिबू सोरेन जिस खाट पर करते थे आराम, उसी पर ले जाये गये घाट

    August 5, 2025
    गुमला

    भरनो में दीवार गिरने से महिला की मौ’त, बेटी घायल

    August 5, 2025
    जमशेदपुर

    सड़क किनारे से लोगों ने खुद हटाया अतिक्रमण, अंचल प्रशासन ने दी थी चेतावनी

    August 5, 2025
    Latest Posts

    शिबू सोरेन जिस खाट पर करते थे आराम, उसी पर ले जाये गये घाट

    August 5, 2025

    घूसखोर महिला दारोगा और चौकीदार गिरफ्तार, 20 हजार रुपये ले रहे थे रिश्वत

    August 5, 2025

    Tesla ने भारत में बढ़ाया कदम, दिल्ली में खोलेगा दूसरा शोरूम

    August 5, 2025

    Spotify ने बढ़ाए प्रीमियम प्लान्स के दाम, भारत समेत कई देशों में लागू होगी नई कीमतें

    August 5, 2025

    भरनो में दीवार गिरने से महिला की मौ’त, बेटी घायल

    August 5, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.