Ranchi : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के निर्देश पर शनिवार को रांची के गेतलातू स्थित जी एन्ड एच हाई स्कूल में नालसा स्कीम के तहत छात्र-छात्राओं के लिए नशे के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में लाइफ सेवर्स के अतुल गेरा, एलएडीसीएस डिप्टी चीफ राजेश कुमार सिन्हा, सीआईडी के रिजवान अंसारी, एनसीबी के आनंद, स्कूल के शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
नशा देश को कर रहा खोखला :
लाइफ सेवर्स के अतुल गेरा ने कहा कि नशा हमारे देश को खोखला कर रहा है। उन्होंने छात्रों को आगाह करते हुए कहा कि नशे के पेडलर नवयुवकों और छात्रों को अपने जाल में आसानी से फंसाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी तरह के लालच में आकर ड्रग्स से संबंधित गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए।
संविधान और कानून का कड़ा प्रावधान :
एलएडीसीएस डिप्टी चीफ राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि संविधान का अनुच्छेद 47 राज्य को नशीली दवाओं और मादक पेय के सेवन को औषधीय उपयोग को छोड़कर समाप्त करने का निर्देश देता है। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत अफीम या पोस्ता के उत्पादन और कब्जे पर 20 साल तक की सजा और दो लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बार-बार अपराध करने पर मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान है।
एनसीबी की अहम भूमिका :
एनसीबी के आनंद ने बताया कि झारखंड में नशे की समस्या को रोकने में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह कानूनों के कार्यान्वयन और हितधारकों के बीच समन्वय स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं का उत्पादन और वितरण इस समस्या की जड़ है, और संसाधनों की कमी के कारण तस्करों को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है।
तस्करी में बच्चों का उपयोग :
सीआईडी के रिजवान अंसारी ने मादक पदार्थों की तस्करी में बच्चों और नवयुवकों के उपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने छात्रों को इससे बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी।
नशे से अपराध में कमी संभव :
कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने कहा कि नशा व्यक्ति, परिवार और समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। कुछ लोग 16 वर्ष या उससे कम उम्र में ही नशे की राह पर चल पड़ते हैं। पुनर्वास केंद्रों में बढ़ती भीड़ इस समस्या की गंभीरता को दर्शाती है। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि यदि रांची में नशे पर नियंत्रण पा लिया जाए, तो अपराध दर में 70 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहें और समाज को जागरूक करने में अपनी भूमिका निभाएं। यह जागरूकता अभियान युवाओं को सही दिशा दिखाने और नशे के दुष्प्रभावों से बचाने में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
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