Danapur : बिहार रेजीमेंटल सेंटर (बीआरसी), दानापुर में रविवार को 21वीं बिहार बटालियन का 44वां स्थापना दिवस पूरे उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर रेजीमेंट की गौरवशाली परंपराओं और वीर सैनिकों के अद्वितीय योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया।
21वीं बिहार बटालियन की स्थापना 20 जुलाई 1981 को दानापुर छावनी में लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद मनसूर मलिक के नेतृत्व में हुई थी। स्थापना के बाद बटालियन ने 1982 से 1985 तक हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में तैनाती के दौरान अनुशासन, समर्पण और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।
बटालियन ने विभिन्न अभियानों में अपनी वीरता का परचम लहराया। इनमें ऑपरेशन बजरंग (1990-1991), ऑपरेशन रक्षक (उरी, 1999-2003), और ऑपरेशन अलर्ट (सितंबर 2014) शामिल हैं। इन अभियानों में जवानों ने साहस और कर्तव्यपरायणता का अप्रतिम प्रदर्शन किया, जिससे बटालियन की प्रतिष्ठा और मजबूत हुई। बटालियन के वीर जवानों के अदम्य साहस और राष्ट्रभक्ति ने न केवल बटालियन, बल्कि पूरे बिहार रेजीमेंट का नाम गौरवान्वित किया है। इसके लिए बटालियन को अनेक वीरता पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और सम्मान प्राप्त हुए हैं।
शहीदों को श्रद्धांजलि और नवप्रवेशी जवानों का प्रेरणा सत्र
स्थापना दिवस के अवसर पर बिहार रेजीमेंटल सेंटर के वीर स्मृति स्थल पर एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया, जिसमें देश की रक्षा में बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। समारोह में रेजीमेंट के कमांडेंट ब्रिगेडियर कमल दीप जसपाल, लेफ्टिनेंट कर्नल आर. सी. खोत, सूबेदार मेजर विपिन प्रधान सहित कई सैनिकों ने शहीदों को नमन किया।
इस अवसर पर नवप्रवेशी जवानों को बटालियन की गौरवशाली परंपराओं और इतिहास से अवगत कराया गया, ताकि वे भी इस वीरता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित हों। समारोह में सैनिकों के परिजनों और कई गणमान्य अतिथियों ने भी हिस्सा लिया।
बटालियन का गौरवशाली इतिहास
21वीं बिहार बटालियन ने अपने 44 वर्षों के सफर में अनुशासन, साहस और समर्पण की मिसाल कायम की है। इस स्थापना दिवस ने न केवल बटालियन के गौरवशाली अतीत को याद किया, बल्कि भविष्य में भी राष्ट्र सेवा के प्रति जवानों के संकल्प को और मजबूत किया।
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