New Delhi : भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं, अपने चालक दल के साथ 18 दिन के ऐतिहासिक मिशन के बाद धरती पर लौटने की तैयारी में हैं। एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) के तहत गए इस दल ने अंतरिक्ष में कई वैज्ञानिक प्रयोग और अध्ययन किए।
रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार (14 जुलाई 2025) को शाम 4:35 बजे (भारतीय समयानुसार) उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ISS से अनडॉक होगा। इसके बाद मंगलवार (15 जुलाई 2025) को दोपहर लगभग 3:00 बजे (भारतीय समयानुसार) यह स्पेसक्राफ्ट अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में लैंड करेगा। इस यात्रा में लगभग 22 घंटे का समय लगेगा।
एक्स-4 मिशन का चालक दल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सहयोग से बनाया गया था, जिसमें कमांडर पैगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री स्लावोस्ज ‘सुवे’ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगेरियन टू ऑर्बिट (HUNOR) के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू शामिल थे।
मिशन के दौरान किए गए प्रयोग
18 दिनों के प्रवास के दौरान, चालक दल ने ISS पर कई वैज्ञानिक प्रयोग और आउटरीच गतिविधियां पूरी कीं। इनमें माइक्रोग्रैविटी में सतत ग्लूकोज मॉनिटर (CGM) का परीक्षण शामिल था, जो डायबिटिक व्यक्तियों के लिए अंतरिक्ष उड़ान को संभव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, वॉयेजर डिस्प्ले अध्ययन में आंखों की गति और कॉर्डिनेशन, एनपरचर अध्ययन में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में धारणा, न्यूरोमोशन वी.आर. में मोटर कौशल और सूट फैब्रिक अध्ययन में स्पेससूट डिजाइन और ऊष्मा स्थानांतरण पर डेटा एकत्र किया गया।
टीम ने एस्ट्रोमेंटलहेल्थ और ईईजी न्यूरोफीडबैक परियोजनाओं पर भी काम किया, जो मानसिक स्वास्थ्य और तनाव कम करने पर केंद्रित थीं। यह मिशन 25 जून 2025 को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए फ्लोरिडा के नासा कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था।
580 पाउंड सामान के साथ वापसी
स्पेसक्राफ्ट 580 पाउंड से अधिक सामान लेकर लौटेगा, जिसमें नासा का हार्डवेयर और 60 से अधिक प्रयोगों का डेटा शामिल है। आज सुबह 8:55 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 7:25 बजे) नासा के एक्सपेडिशन 73 चालक दल के साथ एक लाइव विदाई समारोह आयोजित हुआ।
शुभांशु शुक्ला का संदेश
विदाई समारोह के दौरान ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने हिंदी में अपने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “यह मेरे लिए एक अद्भुत यात्रा रही है। यह यात्रा समाप्त होने वाली है, लेकिन आपकी और मेरी यात्रा अभी बहुत लंबी है। हमारे मानव अंतरिक्ष मिशन की यात्रा लंबी और कठिन है, लेकिन अगर हम ठान लें, तो तारे भी प्राप्त किए जा सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “इकतालीस साल पहले, एक भारतीय अंतरिक्ष में गया था और उसने हमें बताया कि ऊपर से भारत कैसा दिखता है। आज का भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षी, निडर, आत्मविश्वास और गर्व से भरा दिखता है। जल्द ही धरती पर मिलते हैं।”
भारत के लिए गर्व का क्षण
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर है। उनकी वापसी न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की जीत है, बल्कि भारत की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का भी प्रतीक है।
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