Patna : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों के समर्थक अपने वाहनों पर पार्टी के पोस्टर, स्टीकर और झंडे लगाने में जुट गए हैं। जन सुराज, राजद, जदयू, भाजपा, कांग्रेस सहित कई प्रमुख दलों के कार्यकर्ता निजी और लग्जरी वाहनों के शीशों, नंबर प्लेटों और बॉडी पर प्रचार सामग्री लगाकर अपने दल की पैठ बढ़ाने में लगे हैं। इस प्रक्रिया को गति देने के लिए कई दल अपने कार्यकर्ताओं को आर्थिक प्रोत्साहन भी दे रहे हैं।
प्रचार एजेंसियों का ऑफर, चालकों को मिल रहा पैसा
चुनावी माहौल में प्रचार के लिए बाइक और बड़े वाहनों का विशेष रूप से उपयोग हो रहा है। प्रचार एजेंसियां वाहन चालकों को स्टीकर लगाने के लिए प्रतिदिन 500 से 2,000 रुपये तक का भुगतान कर रही हैं। खासकर राजधानी पटना में कैब और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के वाहन चालक इस प्रचार का सबसे अधिक लाभ उठा रहे हैं। चालकों को पूरे दिन वाहन चलाने और प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने के निर्देश दिए जा रहे हैं, जिससे सड़कों पर चुनावी प्रचार का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
परिवहन विभाग की सख्ती, नियम तोड़े तो होगी कार्रवाई
बिहार परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने साफ चेतावनी दी है कि बिना अनुमति के वाहनों पर प्रचार सामग्री लगाना मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन है। इससे नंबर प्लेट या चालक के दृष्टिकोण में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जो सड़क सुरक्षा के लिए खतरा है। नियम तोड़ने पर 2,500 से 5,000 रुपये तक का जुर्माना और गंभीर मामलों में वाहन जब्ती की कार्रवाई हो सकती है।
पटना के जिला परिवहन पदाधिकारी उपेंद्र कुमार पाल ने कहा, “अभी तक किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक दल ने वाहनों पर प्रचार सामग्री लगाने की अनुमति नहीं ली है। चुनाव के दौरान नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। चाहे बड़ा नेता हो या सामान्य कार्यकर्ता, सभी पर समान कार्रवाई होगी।”
सड़क सुरक्षा पर जोर, प्रशासन की अपील
परिवहन विभाग ने जनता से अपील की है कि बिना अनुमति के वाहनों पर प्रचार सामग्री न लगाएं और यातायात नियमों का पालन करें। विशेष रूप से नंबर प्लेट और शीशों को साफ रखने पर जोर दिया गया है ताकि वाहन की पहचान स्पष्ट रहे। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन महंगा पड़ सकता है।
विशेष निगरानी और जागरूकता अभियान
प्रशासन ने चुनाव के दौरान सड़कों पर अवैध प्रचार सामग्री की निगरानी के लिए विशेष टीमें गठित करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही सामाजिक जागरूकता अभियान के तहत लोगों को नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा। यह कदम बिहार में शांतिपूर्ण और सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पिछले अनुभव और कार्रवाई
पिछले वर्षों में पटना यातायात पुलिस ने इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों पर सख्ती बरती है और कई वाहनों पर कार्रवाई की है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस बार भी किसी भी उल्लंघन को बख्शा नहीं जाएगा।
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