Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    2 Oct, 2025 ♦ 6:53 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»Facts»मानसून में घर में घुस जाए सांप तो फिर कैसे करें खुद की रक्षा… जानें
    Facts

    मानसून में घर में घुस जाए सांप तो फिर कैसे करें खुद की रक्षा… जानें

    Kajal KumariBy Kajal KumariJuly 2, 2025Updated:July 2, 2025No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    मानसून
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Johar Live Desk : मानसून का मौसम न सिर्फ बारिश और ठंडक लाता है, बल्कि सांपों से जुड़ा खतरा भी बढ़ा देता है। तेज बारिश के कारण सांपों के बिलों और छिपने की जगहों में पानी भर जाता है, जिससे वे सूखी और सुरक्षित जगहों की तलाश में घरों, दुकानों और खेत-खलिहानों की ओर रुख करते हैं। बारिश में शिकार की कमी के चलते सांप चूहों और कीड़ों की तलाश में घरों तक पहुंच जाते हैं। कई बार खतरा महसूस होने पर वे आत्मरक्षा में हमला कर देते हैं। भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार हर साल 30-40 लाख लोग सर्पदंश का शिकार बनते हैं, जिनमें से 50,000 से ज्यादा की मौत हो जाती है। यह आंकड़ा वैश्विक सर्पदंश मृत्यु दर का आधा है। चिंताजनक बात यह है कि केवल 30% पीड़ित ही अस्पताल पहुंच पाते हैं। मानसून में सर्पदंश के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं। आइए जानते हैं कि इस खतरे से कैसे बचा जाए और सांप काटने पर क्या करें।

    मानसून में सांप कहां मिलते हैं :

    बारिश में सांप पानी से बचने और छिपने की जगह तलाशते हैं। ये जगहें हैं :

    • पानी भरे इलाके : नदी, तालाब और गड्ढों के आसपास।
    • झाड़ियां और घास : खेत, जंगल और बगीचों में।
    • कंस्ट्रक्शन साइट्स : अधूरी इमारतों में।
    • पहाड़ी रास्ते : ट्रेकिंग के दौरान सांपों का खतरा।
    • बांस के जंगल : सांपों के लिए छिपने की आदर्श जगह।
    • घरों के आसपास : कचरे के ढेर, दरारें और खुली नालियां।

    सांपों से बचने के उपाय :

    सांपों से डरने की बजाय सावधानी बरतें :

    • मच्छरदानी का उपयोग : जमीन पर सोते समय मच्छरदानी लगाएं।
    • घर को साफ रखें : कचरा, घास या लकड़ियां जमा न होने दें।
    • जाली और डोर स्वीप्स : खिड़की-दरवाजों पर जाली लगाएं।
    • जंगल में सावधानी : 
      – लॉन्ग बूट्स पहनें।
      – लकड़ी से जमीन पर ठक-ठक करें, सांप वाइब्रेशन से भागते हैं।
      – पत्थर, लकड़ियों या गड्ढों को न छुएं।

    घर में सांप दिखे तो क्या करें :

    • शांत रहें और सांप से दूरी बनाएं।
    • हल्का केरोसिन या फिनाइल छिड़कें, इसकी गंध सांपों को भगाती है।
    • वन विभाग या सर्प विशेषज्ञ को बुलाएं।
    • सांप को मारने या पकड़ने की कोशिश न करें।

    भारत के सबसे जहरीले सांप

    भारत में चार सांप सबसे ज्यादा खतरनाक हैं :

    1. कोबरा : न्यूरोटॉक्सिक जहर सांस लेने की प्रक्रिया रोकता है।

    2. रसेल वाइपर : हीमोटॉक्सिक जहर खून को जमाता है, अंदरूनी रक्तस्राव का कारण बनता है।

    3. करैत : न्यूरोटॉक्सिक जहर से पैरालिसिस और सांस रुकने का खतरा।

    4. सॉ-स्केल्ड वाइपर : हीमोटॉक्सिक जहर से सूजन और ब्लड क्लॉटिंग।

    सर्पदंश के लक्षण

    • जहरीले सांप :
      – न्यूरोटॉक्सिक जहर (कोबरा, करैत): पैरालिसिस, सांस फूलना, बेहोशी।
      – हीमोटॉक्सिक जहर (रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर): सूजन, दर्द, ब्लड क्लॉटिंग, मांसपेशियों में जकड़न।
    • गैर-जहरीले सांप : हल्का दर्द, लालिमा, लेकिन गंभीर लक्षण नहीं।

    सर्पदंश पर प्राथमिक उपचार

    • शांत रहें : पीड़ित को ढांढस बंधाएं, हलचल से जहर फैलता है।
    • आभूषण हटाएं : अंगूठी, चेन, जूते आदि उतार दें।
    • अंग को स्थिर रखें : काटे गए अंग को हिलाएं नहीं।
    • हाथ-पैर नीचे रखें : अगर हाथ में काटा है तो उसे लटकाएं, पैर में काटा है तो बेड से नीचे लटकाएं।
    • तुरंत अस्पताल पहुंचे : जहर का असर रोकने के लिए जल्दी मेडिकल मदद लें।

    सर्पदंश का इलाज

    मिली जानकारी के अनुसार इलाज सांप की प्रजाति पर निर्भर करता है। अगर सांप की पहचान न हो तो लक्षणों और काटने के निशान के आधार पर इलाज किया जाता है :

    • न्यूरोटॉक्सिक जहर : वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की जरूरत।
    • हीमोटॉक्सिक जहर : एंटी-वेनम और अन्य दवाएं।

    क्या न करें :

    • काटे गए स्थान को चूसने, काटने या बांधने की कोशिश न करें।
    • पारंपरिक उपचार (जैसे नीम, हल्दी) न अपनाएं।
    • पीड़ित को शराब या कैफीन न दें।

    Also Read : रातू में मिली डे’ड बॉडी की हुई शिनाख्त, TPC कमांडर अनीश अंसारी है मृतक

    cool weather Monsoon monsoon alert monsoon hazards rain rainy season safe places snake activity snake burrow snake danger snake intrusion snake protection snake safety snakes entering homes snakes in fields snakes in rain snakes in shops waterlogging खेत में सांप घर में सांप जलभराव ठंडक दुकान में सांप बारिश बारिश का मौसम बारिश में सांप मानसून मानसून में खतरे मॉनसून अलर्ट सांप सांप का खतरा सांप का प्रवेश सांप का बिल सांप से बचाव सांप से सुरक्षा सांपों की गतिविधि सुरक्षित जगह
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleदेवघर से मधुपुर तक नई सड़क बनेगी, 20 करोड़ की लागत से होगा निर्माण
    Next Article झारखंड के मंत्री योगेंद्र प्रसाद के छोटे भाई का निधन, हैदराबाद में चल रहा था इलाज

    Related Posts

    fact

    दशहरे पर इन जगहों पर जलाएं दीपक, बरसेगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा

    October 2, 2025
    Facts

    कोरियन ब्यूटी सीक्रेट्स: घरेलू उपायों से पाएं ग्लास स्किन, जानें आसान टिप्स

    October 2, 2025
    fact

    अखरोट देगा दोगुना फायदा, बस जान लें खाने का सही समय

    October 2, 2025
    Latest Posts

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया 80 फीट ऊंचे रावण का वध

    October 2, 2025

    बड़ा नाव हादसा, दो मछुआरे लापता

    October 2, 2025

    पटना रूट की दो ट्रेनों का हुआ एक्सटेंशन… जानें

    October 2, 2025

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में बड़ी चूक, अजनबी शख्स पहुंचा करीब

    October 2, 2025

    जमशेदपुर में महादशमी पर सिंदूर खेला, भक्तों ने मां दुर्गा को दी भावभीनी विदाई…

    October 2, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.