Jamshedpur : झारखंड के जमशेदपुर में भारी बारिश के बाद टाटा-रांची और टाटा-पूरुलिया हाईवे पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। गुरुवार को काली मंदिर के पास दोनों प्रमुख मार्गों पर जलभराव के चलते यातायात ठप हो गया और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। स्थिति इतनी खराब हो गई कि लोगों को ट्यूब की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस जलभराव के पीछे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि हाईवे निर्माण के दौरान जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई थी, जिसके चलते यह संकट उत्पन्न हुआ।
आशियाना वुडलैंड कॉलोनी में जल प्रलय
सबसे चिंताजनक हालात फदलोगोड़ा स्थित आशियाना वुडलैंड कॉलोनी में हैं, जहां लगभग 15 से 20 फीट तक पानी भर गया है। कॉलोनी के ग्राउंड फ्लोर के सभी मकान डूब चुके हैं, और कई वाहन पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। सैकड़ों लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं और प्रशासन से राहत की गुहार लगा रहे हैं।
विधायक सरयू राय ने उठाई आवाज
जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने NHAI पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हाईवे निर्माण के दौरान पुराने नालों को बंद कर दिया गया, और जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने स्वयं जेसीबी मशीन से राहत कार्यों में हिस्सा लिया और जल निकासी कार्य शुरू करवाया।
प्रशासन की आपात प्रतिक्रिया
प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फोरलेन सड़क को काटकर जल निकासी की कोशिश की है। हालांकि, भारी जलभराव के चलते राहत कार्यों में काफी बाधाएं आ रही हैं। फिलहाल, प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों से यातायात को बहाल करने के निर्देश जारी किए हैं।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
स्थानीय लोगों ने NHAI को इस संकट के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है और फ्लाईओवर निर्माण के दौरान पुराने जलनिकासी तंत्र को नष्ट करने को बड़ी चूक बताया है। लोगों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटना एक बार फिर शहरी नियोजन और जल निकासी व्यवस्थाओं की खामियों को उजागर करती है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित एजेंसियों पर अब दबाव है कि वे स्थिति को जल्द नियंत्रित करें और भविष्य के लिए स्थायी समाधान सुनिश्चित करें।
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