Johar Live Desk : साल की चौबीस एकादशियों में से सबसे महत्वपूर्ण मोहिनी एकादशी को माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु ने सृष्टि की रक्षार्थ भस्मासुर का संहार किया था. चूंकि उन्होंने भस्मासुर को मिले वरदान के कारण मोहिनी रूप रचा था, तभी वह भस्मासुर का संहार कर सके थे. चूंकि विष्णु जी ने भस्मासुर का संहार ज्येष्ठ मास एकादशी के दिन किया था, इसलिए इस दिन को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 8 मई 2025, गुरुवार को पड़ रहा है.
मान्यताओं के अनुसार इस दिन उपवास एवं उपासना करने से जातक को अच्छी सेहत, धन और शांति प्राप्त होती है. आइये जानते हैं मोहिनी एकादशी व्रत-पूजा का महत्व, मुहूर्त एवं पूजा-विधि आदि के बारे में…
मोहिनी एकादशी की मूल तिथिः
- वैशाख शुक्ल पक्ष एकादशी प्रारंभः 10.19 AM (07 मई 2025, बुधवार)
- वैशाख शुक्ल पक्ष एकादशी समाप्तः 12.29 PM (08 मई 2025, गुरुवार)
- उदया तिथि के अनुसारः 8 मई 2025 को मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी.
मोहिनी एकादशी व्रत की पूजा-विधि
वैशाख शुक्ल पक्ष एकादशी को सूर्योदय से पूर्व स्नान-ध्यान करें. शुद्ध वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें. पूजा स्थल पर पीला वस्त्र बिछाएं, इस पर श्रीहरि की प्रतिमा स्थापित करें. धूप-दीप प्रज्वलित करते हुए निम्न मंत्र का 108 जाप करें.
ॐ मोहिनी राज्य नमः,
ॐ नारायणाय विद्महे।
प्रतिमा के समक्ष चंदन, रोली, अक्षत, फूल, तुलसी-दल अर्पित करें. भोग में दूध की मिठाई एवं फल चढ़ाएं. विष्णउ सहस्त्रनाम का जाप करें. इस दिन मोहिनी एकादशी व्रत कथा का वाचन अथवा श्रवण जरूरी होता है, तभी पूजा पूर्ण मानी जाती है. अंत में भगवान विष्णु की आरती उतारें. अगले दिन स्नान के पश्चात शुभ मुहूर्त पर व्रत का पारण करें.
मोहिनी एकादशी की व्रत कथा!
भस्मासुर एक बहुत शक्तिशाली राक्षस था. उसने कड़ी तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न कर एक विशेष वरदान प्राप्त कर लिया, कि वह जिसके (देव, किन्नर, गंधर्व, आदि ) भी सिर को स्पर्श करेगा, वह तत्काल भस्म हो जाएगा. शिवजी से वरदान प्राप्त कर वह इस कदर निरंकुश हुआ, कि उसने भगवान शिव को ही भस्म करने के इरादे से उनके पीछे दौड़ा. तब भगवान विष्णु ने तत्काल मोहिनी नामक सुंदरी का रूप धरकर उसे सम्मोहित कर उसके साथ नृत्य करने लगे, और एक नृत्य की एक मुद्रा के तहत उसका हाथ उसके सिर पर रखवा दिया, जिसकी वजह से भस्मासुर तत्काल जलकर राख हो गया.
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