Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट में एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर अमन साव के मामले में सुनवाई हुई। अमन की मां किरण देवी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए ऑनलाइन FIR दर्ज करने का आग्रह किया था, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया।
कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि अमन की मां की ओर से की गई ऑनलाइन एफआईआर को जल्द से जल्द रजिस्टर किया जाए। प्रार्थी की ओर से बताया गया कि पिछले सात महीने के प्रयासों के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। कोर्ट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी जजमेंट के तहत इस तरह के मामलों में एफआईआर दर्ज होना अनिवार्य है।
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सीआईडी ने अमन साव के मामले में एक प्राथमिकी पहले ही दर्ज की थी और अब अमन के परिजनों की एफआईआर में उठाए गए मुद्दों की भी जांच की जा रही है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अलग-अलग एफआईआर की जा सकती थी।

कोर्ट ने राज्य सरकार को ऑनलाइन एफआईआर के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई 28 नवंबर के लिए तय की।
किरण देवी ने याचिका में कहा कि उनके बेटे को अक्टूबर में चाईबासा जेल से रायपुर ले जाया गया था और रांची स्थानांतरण के दौरान केवल 12 सदस्यीय एटीएस टीम तैनात थी, जबकि पहले 75 पुलिसकर्मियों की टुकड़ी थी। उन्होंने आशंका जताई कि पुलिस साजिश कर उनके बेटे को एनकाउंटर में मारेगी।
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