New Delhi : दिल्ली में हुए भयानक ब्लास्ट के केस में सुरक्षा बलों ने बीती देर रात पुलवामा में छापेमारी कर आतंकी डॉ. उमर नबी के घर को IED विस्फोट से उड़ा दिया। DNA टेस्ट के बाद पुष्टि हुई कि 10 नवंबर को ब्लास्ट वाली कार में डॉ. उमर ही बैठा था। पुलवामा के कोइल इलाके में रहने वाले उमर के माता-पिता और भाईयों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, अब तक गिरफ्तार 8 आतंकियों ने बताया कि वे 6 दिसंबर यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर देशभर में कई जगह धमाके करना चाहते थे। इस योजना के तहत 32 कारों का इंतजाम किया गया था। इसमें i20, इकोस्पोर्ट और ब्रेजा जैसी कारें शामिल थीं।
दिल्ली ब्लास्ट में अब तक 13 लोग मारे गए हैं और 20 लोग घायल हैं। इनमें से 3 की हालत गंभीर बताई जा रही है। सीसीटीवी फुटेज में ब्लास्ट वाली i20 कार रिक्शा के पीछे चलते हुए देखी गई थी। धमाका इतना तेज था कि आसपास खड़ी गाड़ियां भी आग की चपेट में आ गईं। जांच में यह भी सामने आया कि कश्मीर का मौलाना मोहम्मद इरफान, जिसने आतंकियों को डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी, केवल तीसरी तक पढ़ा था। इरफान शोपियां के नौगाम इलाके में मदरसे में पढ़ाता था और उसने जैश-ए-मोहम्मद के लिए सेना के खिलाफ धमकी भरे पोस्टर भी बनवाए थे।
दिल्ली ब्लास्ट में शामिल चार आतंकियों का संबंध फरीदाबाद के धौज गांव की अलफलाह यूनिवर्सिटी से है। यहां से 40% डॉक्टर कश्मीरी हैं। यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में जुड़ी डॉ. शाहीन ने पुलवामा के आतंकियों डॉ. मुजम्मिल गनी, डॉ. उमर नबी और डॉ. सज्जाद अहमद को नौकरी दिलवाने में मदद की थी। सुरक्षा बल इस मामले में लगातार जांच कर रहे हैं और शेष आतंकियों को पकड़ने की कोशिश जारी है।

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