Johar Live Desk : बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने इन सर्वेक्षणों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। पार्टी का कहना है कि 14 नवंबर को जब नतीजे आएंगे, तब असली तस्वीर सामने आएगी और इंडिया ब्लॉक को स्पष्ट बहुमत मिलेगा।
कांग्रेस का दावा — “एग्जिट पोल झूठे, असली जनादेश बदलाव के पक्ष में”
कांग्रेस के एआईसीसी सचिव और बिहार प्रभारी सुशील पासी ने कहा, “हमें इन एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं है। यह चुनाव बदलाव के लिए था। राहुल गांधी द्वारा उठाया गया वोट चोरी का मुद्दा जनता के बीच गूंजा है। गरीब और वंचित वर्ग बड़ी संख्या में मतदान करने बाहर निकले हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “14 नवंबर को नतीजे आने पर स्पष्ट होगा कि जनता एनडीए से नाराज है और बदलाव चाहती है। हमें विश्वास है कि एनडीए को सिर्फ साधारण बहुमत तक ही सीमित रहना पड़ेगा।”

एग्जिट पोल के अनुमान
11 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के बाद जारी एग्जिट पोल में यह अनुमान लगाया गया था कि एनडीए को 133 से 167 सीटें मिल सकती हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। इनमें से बीजेपी को 70-90 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था।
कांग्रेस का दावा — “पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करेंगे”
कांग्रेस पदाधिकारियों ने दावा किया कि पार्टी इस बार 2020 से बेहतर प्रदर्शन करेगी। वर्ष 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार उसने 61 सीटों पर चुनाव लड़ा है। सुशील पासी के मुताबिक, “हमें इस बार 20 से 25 सीटें मिलने की उम्मीद है।”
देवेंद्र यादव बोले — “इंडिया ब्लॉक बनाएगा सरकार”
बिहार के एआईसीसी सचिव देवेंद्र यादव ने भी एग्जिट पोल को झूठा बताते हुए कहा, “मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि बिहार में अगली सरकार इंडिया ब्लॉक की बनेगी। हमें स्पष्ट बहुमत मिलेगा। ये सारे एग्जिट पोल जोड़-तोड़ वाले हैं और बीजेपी इन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। असली तस्वीर 14 नवंबर को सामने आएगी।”
वोट चोरी और कल्याण योजनाओं पर विपक्ष का फोकस
यादव ने कहा कि “वोट चोरी का मुद्दा और सामाजिक कल्याण की गारंटी मतदाताओं के बीच बड़ा विषय रहा। लोगों को एहसास हो गया कि एनडीए सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया। इसलिए जनता बदलाव के लिए वोट दे रही है।”
सीट बंटवारे पर विवाद और दोस्ताना मुकाबले
हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने माना कि सीट बंटवारे में देरी और आंतरिक मतभेदों ने विपक्षी गठबंधन को कुछ नुकसान पहुंचाया है। राजद और कांग्रेस दोनों ने अपनी पसंदीदा सीटों पर कड़ी बातचीत की, जिससे करीब 12 सीटों पर दोस्ताना मुकाबले की स्थिति बनी।
यह विवाद तब और बढ़ा जब राजद ने कुटुम्बा सीट पर अपना उम्मीदवार उतारने की कोशिश की, जहां से बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश कुमार चुनाव लड़ रहे थे। बाद में राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझाया गया।
कांग्रेस का विश्वास — “दोस्ताना मुकाबले से असर नहीं पड़ेगा”
सुशील पासी ने कहा कि “दोस्ताना मुकाबलों से बचा जा सकता था, लेकिन सभी दलों ने इसे बड़ा दांव मानकर अपने हित देखे।” वहीं, देवेंद्र यादव ने कहा कि “इंडिया ब्लॉक ने समन्वय के साथ चुनाव लड़ा है और हम उन सीटों पर भी जीत हासिल करेंगे जहां दोस्ताना मुकाबले हुए हैं।”
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