Johar Live Desk : ट्यूनीशिया में लंबे समय से फंसे झारखंड के 48 मजदूरों की घर वापसी की प्रक्रिया अब तेज हो गई है। झारखंड सरकार की सक्रिय पहल के बाद एल एंड टी कंपनी ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई शुरू की। कंपनी ने अपने अधीन काम करने वाली दिल्ली की निजी फर्म प्रेम कंस्ट्रक्शन के मालिक को कड़ी फटकार लगाई और मजदूरों के बकाया वेतन का भुगतान भी पूरा कर दिया।
कंपनी की जानकारी के मुताबिक, सभी मजदूर 4 नवंबर को ट्यूनीशिया से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए रवाना होंगे। मुंबई पहुंचने के बाद वे सीधे अपने गृह राज्य झारखंड लौटेंगे।
यह मामला तब सामने आया जब मजदूरों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी स्थिति साझा की। वीडियो में उन्होंने बताया कि उन्हें धोखे से विदेश भेजा गया और वहां बिना तय वेतन तथा पर्याप्त भोजन के 12-12 घंटे काम कराया जा रहा था। मजदूरों ने झारखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि देश से रवाना होने से पहले उन्हें तय मजदूरी और अनुबंध का आश्वासन दिया गया था, लेकिन ट्यूनीशिया पहुंचते ही सबकुछ बदल गया।

इसके बाद झारखंड सरकार ने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और मजदूरों की सुरक्षित वापसी की प्रक्रिया शुरू की।
एल एंड टी और झारखंड सरकार की मदद से मजदूरों की घर वापसी का रास्ता साफ हुआ। बीती रात मजदूरों ने सोशल मीडिया पर एक और वीडियो जारी कर एल एंड टी कंपनी से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि जानकारी की कमी के कारण उन्होंने पहले वीडियो में कंपनी का नाम लिया था, जबकि कंपनी का सीधे उनके वेतन से संबंध नहीं था। मजदूरों ने कहा कि कंपनी ने तत्परता से मदद की और उनकी वापसी सुनिश्चित की।
एल एंड टी की त्वरित कार्रवाई और झारखंड सरकार की पहल से अब सभी 48 मजदूर अपने परिवारों से मिलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कंपनी और सरकार का आभार जताया और कहा कि अब वे लंबे संघर्ष के बाद अपने घर लौट सकेंगे। मजदूरों की सुरक्षित वापसी से उनके परिवारों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है।


